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शिमला और आसपास के इलाकों में पांच दिन बाद भी पेयजल आपूर्ति नहीं

ज्ञान ठाकुर/ निस शिमला, 12 जुलाई बाढ़ व भूस्खलन प्रभावित मंडी और शिमला जिलों में भी जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास जारी हैं। राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों के लिए पेयजल आपूर्ति करने वाली योजनाओं के लगातार...
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ज्ञान ठाकुर/ निस

शिमला, 12 जुलाई

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बाढ़ व भूस्खलन प्रभावित मंडी और शिमला जिलों में भी जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास जारी हैं। राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों के लिए पेयजल आपूर्ति करने वाली योजनाओं के लगातार बंद रहने के चलते शहर में आज पांच दिन बाद भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। इस कारण शहर में लोगों को भारी बरसात के बीच भी जबरदस्त पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। शहर के अधिकांश हिस्सों में लोग वर्षा के पानी पर निर्भर हो गए हैं जिस कारण जलजनित रोगों का खतरा बढ़ गया है। शहर में लोगों को पेयजल संकट से राहत दिलाने के लिए शिमला जल प्रबंधन निगम टैंकरों से पानी की आपूर्ति कर रहा है लेकिन फिलहाल ये नाकाफी साबित हो रही है। शहर की भट्टाकुफर फल मंडी में बीती रात भूस्खलन हुआ। इस भूस्खलन में फल मंडी की छत टूट गई। हालांकि किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। इस मंडी को ठियोग के पराला में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

उधर, कुल्लू जिला के कुछ क्षेत्रों में बीती रात बिजली आपूर्ति बहाल हो गई है। हालांकि जिले के अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति अभी भी बाधित है, जिस कारण लोगों को जबरदस्त पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने हालांकि टैंकरों से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की है लेकिन अधिकांश सड़कें बंद होने के कारण इसमें भी समस्याएं आ रही हैं।

हिमाचल में एक एनएच और 873 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा, भूस्खलन और बाढ़ के कारण बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। शिमला-कालका सड़क पर यातायात धीरे-धीरे आरंभ कर दिया गया है। हालांकि अनेक स्थानों पर सड़क धंस जाने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते बार-बार यातायात बाधित भी हो रहा है। ऐसे में आपात स्थिति में शिमला और चंडीगढ़ के बीच आने-जाने वाले लोग वैकल्पिक मार्गों का सहारा ले सकते हैं। इसी तरह चंडीगढ़-मनाली सड़क पर वाया कटौला और कुल्लू के लेफ्ट बैंक होकर यातायात बीती रात से बहाल कर दिया गया है। प्रदेश में भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से अभी भी एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 873 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 1956 बिजली के ट्रांसफार्मर और 1369 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हैं।

हवाई सर्वेक्षण की मांग

लाहौल-स्पिति के विधायक रवि ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आपदा ग्रस्त लाहौल-स्पिति जि़ले का हवाई सर्वेक्षण करने की मांग की है, ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पिति में भारी वर्षा से व्यापक तबाही हुई है और चंद्रताल में भी सड़कें बंद हो जाने के कारण सैंकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं।

इस बीच, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने आज मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों तथा राहत शिविर का दौरा कर हालात का जायज़ा लिया। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार पूरी ताकत से राहत व बचाव कार्यों में जुटी है और केंद्र से भी इस कार्य मे हरसंभव मदद ली जाएगी।

बाढ़ प्रभावित हिस्सों का दौरा करेंगे अनुराग ठाकुर

हमीरपुर (निस) : केंद्रीय सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामले मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर 14, 15, 16 जुलाई को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के दौरे पर होंगे। अनुराग ठाकुर बाढ़ प्रभावित हिस्सों का दौरा कर भारी बारिश से प्रभावित लोगों से मिलेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि देवभूमि हिमाचल इस समय प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। भारी बारिश और बाढ़ के चलते कई जगहों पर जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है व जान-माल का नुक़सान देखने को मिल रहा है। विपदा की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं देवभूमि के मेरे भाइयों बहनों के साथ हैं। आगामी 14, 15, 16 जुलाई को अपने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के दौरे पर बाढ़ प्रभावित हिस्सों का निरीक्षण कर बारिश से प्रभावित लोगों से मिलूँगा उनका दर्द साझा करूंगा व सरकार की ओर से हो सकने वाली हरसंभव मदद दिलवाने का प्रयास करूंगा। केंद्र सरकार ने हिमाचल के हालातों पर पूरी तरह नज़र बनाए रखी है। एनडीआरडीए की 12 टीमें स्थानीय प्रशासन के साध रात-दिन राहत व बचाव कार्यों में लगी है।

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