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कांगड़ा के नवनीत ने तीन लोगों को दी नयी जिंदगी

चंडीगढ़, 12 जुलाई (ट्रिन्यू) कभी इंजीनियर बनने का सपना देखने वाला नवनीत सिंह अब तीन जिंदगियों की उम्मीद बन गया है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले के गांव गंगथ निवासी 23 वर्षीय नवनीत, 3 जुलाई को छत से गिरकर गंभीर...
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चंडीगढ़, 12 जुलाई (ट्रिन्यू)

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कभी इंजीनियर बनने का सपना देखने वाला नवनीत सिंह अब तीन जिंदगियों की उम्मीद बन गया है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले के गांव गंगथ निवासी 23 वर्षीय नवनीत, 3 जुलाई को छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजन उसे पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ लाए, जहां 11 जुलाई को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इस सबसे कठिन घड़ी में पिता जनक सिंह ने अपने बेटे के अंगदान का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह हमारे जीवन का सबसे कठिन फैसला था, लेकिन यह जानकर सुकून है कि नवनीत की सांसों ने तीन लोगों को नया जीवन दिया। इस निर्णय में मां अंजू, बहन पूजा देवी और दादी सत्य देवी ने भी पूरा साथ दिया।

पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि नवनीत का हृदय नयी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 26 वर्षीय मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया। चूंकि पीजीआई में उपयुक्त मरीज नहीं था, इसलिए रोटो-नॉर्थ व नोटो के समन्वय से दिल्ली भेजा गया। इसके लिए चंडीगढ़ से मोहाली एयरपोर्ट तक ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाया गया, जिससे हृदय समय पर सुबह 5:45 की फ्लाइट से दिल्ली पहुंच सका। इस जटिल प्रक्रिया का नेतृत्व डॉ. आशीष शर्मा (प्रोफेसर, रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट) ने किया। पीजीआई में नवनीत की दोनों किडनियां और पैंक्रियाज़ सफलतापूर्वक निकाले गए। एक मरीज को किडनी-पैंक्रियाज़ का संयुक्त प्रत्यारोपण किया गया जिससे वह टाइप-1 डायबिटीज से मुक्त हो सका। यह पीजीआई का 63वां पैंक्रियाज़ ट्रांसप्लांट था। दूसरी किडनी डायलिसिस पर चल रहे मरीज को दी गई। पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि यह मानवता की पराकाष्ठा है। परिजनों ने अपनी पीड़ा को दूसरों की आशा बना दिया।

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