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टीबी रोग के मामले में कांगड़ा जिला प्रदेश में प्रथम

शिमला, 19 अक्तूबर(हप्र) हिमाचल का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा टीबी रोग के मामले में प्रदेश भर में पहले स्थान पर पहुंच गया है। ऐसे में इस रोग के ज्यादा मरीजों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा...
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शिमला, 19 अक्तूबर(हप्र)

हिमाचल का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा टीबी रोग के मामले में प्रदेश भर में पहले स्थान पर पहुंच गया है। ऐसे में इस रोग के ज्यादा मरीजों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ज्यादा सैंपलिंग होने से टीबी के ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब प्रदेश स्तर पर टीबी मुक्त अभियान को और तेज कर दिया गया है। पंचायतों में वार्ड स्तर पर स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों को तलाशने का अभियान शुरू किया है। गौरतलब है कि साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंधी कार्यशाला का आयोजन यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस द्वारा किया गया। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने टीबी टैस्टिंग को 4800 तक पहुंचा दिया है। यानी पिछले दो सालों की तुलना में टीबी के टेस्ट दोगुना कर दिए हैं। यही वजह है कि हिमाचल में ज्यादा संख्या में टीबी के मरीज अब निकल कर सामने आ रहे हैं। समय पर उपचार मिलने से प्रदेश में ही एक हजार के करीब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य भी हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कई लोग सामाजिक कुरीतियों के चलते सामने नहीं आ रहे। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने वार्ड स्तर पर तलाशी अभियान तेज किया है।

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शनिवार को शिमला में आयोजित टीबी मुक्त कार्यक्रम की कार्यशाला में बोलते हुए एनएचएम की एमडी प्रियंका वर्मा ने कहा कि देश में हर चौथा व्यक्ति टीबी से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लोगों को दवा, उपचार, सैंपल ले सकता है, लेकिन लोगों को भी विभाग के साथ मिलकर टीबी मुक्त हिमाचल में सहयोग करना होगा।

इनटीईपी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर रविंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल ने टीवी उन्मूलन में बड़ी प्रगति की है। इसमें केमिस्ट एसोसिएशन, स्वयंसेवी संस्थाओं, युवाओं, मेडिकल कॉलेज और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसरज की अहम भागीदारी रही है।

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