चंबा मुख्यालय में बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया जकारू उत्सव
चंबा, 2 मार्च (निस)
जिला चंबा के पांगी जनपद का पारंपरिक जुकारू उत्सव रविवार को मुख्यालय स्थित सेठ पैलेस में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला मुख्यालय में रहने वाले पांगी के बुजुर्गों व युवाओं ने एक- दूसरे के गले मिलकर जुकारू उत्सव की खुशियां बांटी। इस दौरान पांगी के कॉलेज छात्रों ने पंगवाली लोकसंस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर उत्सव की खुशियों को दोगुना कर दिया। उन्होंने पांगी रे देशा जुकारू उत्सव खाणी पीणी मौज मनाणी सहित अन्य गीतों पर बेहतरीन नृत्य पेश किए। जुकारू उत्सव में दोपहर बाद सामूहिक प्रीति भोज का आयोजन भी किया गया। जानकारी के अनुसार जुकारू उत्सव सर्दियों के माघ माह के अंत में राजा बलि की पूजा-अर्चना से आरंभ होकर करीब एक माह तक चलता रहता है। घाटी के लोगों का कहना है कि ब्रहम मूहूर्त में वरुण देवता के सम्मान में पनिहार से पानी लाकर घर में इसका छिड़काव किया जाता है। इस दौरान घाटी में मौसम के खुलने के बाद लोग एक-दूसरे घरों में जाकर उनका कुशलक्षेम पूछते हैं। जुकारू उत्सव का संदर्भ घाटी में मौसम खुलने से है। बर्फ की कैद में रहने के बाद यहां पर मौसम के खुलते ही लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं। वहीं पांगी घाटी कल्याण संघ के अध्यक्ष भगत बडोत्रा व सभी पदाधिकारियों ने घाटी के लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
पांगी घाटी का प्रसिद्ध जुकारू उत्सव एक महीना चलेगा। यह उत्सव मौनी अमावस्या से शुरू होता है। इस दिन लोग तड़के चार बजे उठकर स्नान करके के उपरांत पूजा-पाठ कर पितरों को श्राद्ध देते हैं। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला मुख्यालय, भरमौर, पांगी सहित जिला लाहुल स्पीति, कुल्लू, किन्नौर, धर्मशाला और नेपाली-तिब्बत मूल के लोग भी इसको मनाते हैं। तिब्बती इसको लोसर तथा कुल्लू में फागली के नाम से मनाया जाता है। इस मौके पर पांगी कल्याण संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों में बीआर भारद्वाज, लेखराज ठाकुर, मान सिंह व राजेंद्र ठाकुर सहित काफी पांगी के स्थानीय लोग मौजूद रहे।