Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का प्रवेश परीक्षाओं पर रोक से इनकार

शिमला, 16 मई (हप्र) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी द्वारा सामान्य विषयों के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

शिमला, 16 मई (हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी द्वारा सामान्य विषयों के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रिट याचिका के लंबित रहने से इन दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा क्रमशः 18 मई और 27 मई को निर्धारित प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में बाधा नहीं आएगी। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किए। कोर्ट द्वारा 13 मई को पारित आदेश के अनुपालन में एचपीयू के रजिस्ट्रार ज्ञान सागर नेगी और सरदार पटेल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. मदन कुमार व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित थे।

Advertisement

इस मामले में याचिकाकर्ता निशांत शर्मा द्वारा उठाया गया मुद्दा यह है कि क्या प्रतिवादी-विश्वविद्यालयों को अपने अधीन संबंधित कॉलेजों में सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों के प्रवेश के लिए स्वतंत्र प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का अधिकार है या उन्हें एक सामान्य प्रवेश परीक्षा का सहारा लेना चाहिए, जैसा कि 2023 से पहले किया जाता था। संबंधित रजिस्ट्रारों के साथ चर्चा के दौरान कहा गया कि भविष्य के लिए विश्वविद्यालयों के अधिकारी एक साथ बैठ सकते हैं और एक सामान्य प्रवेश परीक्षा की व्यवहार्यता पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन जहां तक वर्तमान सत्र का संबंध है, क्योंकि सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के लिए प्रवेश परीक्षा 18 मई के लिए निर्धारित है, जिसके लिए 1700 से अधिक छात्रों ने नामांकन किया है और जिसके संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इसलिए उक्त प्रवेश परीक्षा को स्थगित करना छात्रों के हित में नहीं हो सकता है, जिन्होंने खुद को उक्त परीक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार किया है।

जहां तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा का सवाल है, यह 27 मई को निर्धारित है। कोर्ट ने कहा कि इस तथ्य के मद्देनजर कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित प्रवेश परीक्षाओं की तिथियां पहले ही घोषित हो चुकी हैं, प्रतिवादियों को एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का आदेश जारी करना विवेकपूर्ण नहीं होगा क्योंकि इससे छात्रों के मन में भ्रम की स्थिति पैदा होगी। हालांकि, भविष्य में यह विश्वविद्यालयों और छात्रों के हित में होगा कि वे एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए तौर-तरीके तैयार करें ताकि छात्रों पर उनके अधीन कॉलेजों में सामान्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कई प्रवेश परीक्षाओं का बोझ न पड़े।

Advertisement
×