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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का आरोप : सेना से परामर्श किए बिना ही कर दी युद्ध विराम की घोषणा

ज्ञान ठाकुर/हप्र शिमला, 30 मई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में आयोजित ‘जय हिंद सभा’ में वीर सैनिकों को सम्मानित किया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राण...
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ज्ञान ठाकुर/हप्र

शिमला, 30 मई

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में आयोजित ‘जय हिंद सभा’ में वीर सैनिकों को सम्मानित किया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों को नमन करना हम सभी का कर्तव्य है। समारोह में 1962, 1965, 1971, कारगिल युद्ध और हालिया ऑपरेशन सिंदूर के प्रतिभागी सैनिकों को सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश वीरता की भूमि है, जिसने चार परमवीर चक्र विजेता देश को दिए हैं। उन्होंने कहा कि सेना और देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होना चाहिए, लेकिन हालिया युद्धविराम की घोषणा केंद्र सरकार ने सेना से बिना परामर्श किए की। उन्होंने दावा किया कि यह घोषणा एक तीसरे देश के माध्यम से सोशल मीडिया पर सामने आई, जो चिंता का विषय है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की निर्णायक नीति से विपरीत है। सुक्खू ने तीर्थन घाटी के पूर्व सैनिक सूबेदार मेजर अनूप राम के हवाले से कहा कि 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी के नेतृत्व ने सेना में अद्वितीय साहस और ऊर्जा का संचार किया था, जिससे पाकिस्तान को दो भागों में विभाजित कर शिमला समझौते के लिए मजबूर किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस हमेशा सेना और राष्ट्रहित में खड़ी रही है।

विदेश नीति पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि अमेरिका के माध्यम से युद्धविराम की घोषणा करना शिमला समझौते का उल्लंघन है। केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी सेना के नाम पर श्रेय नहीं लिया। कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि भाजपा ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय लेने की होड़ में है, जबकि 1971 में पाकिस्तान को घुटनों पर कांग्रेस ने ही लाया था, बिना सेना का राजनीतिक लाभ लिए।

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