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धर्मशाला के सहायक औषधि नियंत्रक निशांत सरीन पर ईडी का शिकंजा, कई ठिकानों पर छापेमारी

सरीन को सितंबर 2019 में सतर्कता ब्यूरो ने किया था गिरफ्तार
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धर्मशाला, 22 जून (निस)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को कथित रिश्वतखोरी और राजनीतिक संरक्षण से उपजे धन शोधन मामले की चल रही जांच में धर्मशाला स्थित सहायक औषधि नियंत्रक निशांत सरीन, उनके परिवार के सदस्यों, ससुराल वालों और उनके कुछ सहयोगियों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। शिमला के उप निदेशक जीवतेश आनंद ने रविवार को यहां इसकी पुष्टि की। धर्मशाला में वर्तमान में तैनात सरीन, उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और एक कथित सहयोगी कोमल खन्ना उन लोगों में शामिल हैं, जिन पर ईडी टीमों ने दिनभर चली कार्रवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के धर्मशाला में पांच आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों की तलाशी ली।

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तलाशी अभियान उत्तर भारत के फार्मास्युटिकल हब सोलन जिले के बद्दी में सरीन की पिछली पोस्टिंग और धर्मशाला में उनके वर्तमान कार्यकाल के दौरान आधिकारिक पद के कथित “दुरुपयोग” से संबंधित था। जीवतेश आनंद ने कहा कि ईडी को सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा भ्रष्टाचार गतिविधियों के कुछ नए इनपुट भी मिले हैं। केंद्रीय एजेंसी जबरन वसूली, दवा कंपनियों से रिश्वत लेने और ‘आपराधिक आय’ उत्पन्न करने के कथित आरोपों की भी जांच कर रही थी। ईडी सरीन को उनके कार्यकाल के दौरान दिए गए राजनीतिक संरक्षण के आरोपों की भी जांच कर रही है।

यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सामने आया है, और यह अगस्त 2019 में हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवीएंडएसीबी) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर भी आधारित है। सरीन को सितंबर 2019 में सतर्कता ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था और रिश्वत मामले में कोमल खन्ना के साथ आरोप पत्र दायर किया था। एक महीने बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी।

पहले के आरोपों के बावजूद, सरीन को बहाल कर दिया गया और 2024 में धर्मशाला में सहायक औषधि नियंत्रक के रूप में नियुक्त किया गया, जिससे सरकारी पोस्टिंग में उचित परिश्रम प्रक्रिया पर सवाल उठे। हिमाचल पुलिस की जांच के दौरान सरीन पर बद्दी में फार्मा कंपनियों से विनियामक सहायता के बदले रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगे।

वहीं सरीन से उनके बयान के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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