प्रेम राज काश्यप/निस
रामपुर बुशहर, 31 मई
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा रामपुर बुशहर उपमंडल के सराहन स्थित प्रसिद्ध श्री भीमाकाली मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस की कथा में कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने रुक्मणी विवाह के प्रसंग का उल्लेख किया। इस प्रसंग में उन्होंने प्रभु प्रीतम के प्रति प्रेम व समर्पण भाव दर्शाया और साथ ही यह भी प्रकट किया कि कैसे आत्मा की पुकार पर प्रभु समस्त बंधनों से स्वतंत्र कर अपने कभी न टूटने वाले प्रणय सूत्र में बांध लेते हैं।
साध्वी कालिंदी भारती ने बताया कि आज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान में गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की द्वारा ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर असंख्य लोगों ने परीक्षित की ही भांति मुक्ति के मार्ग को पाया है। कथा में अशोक कुमार नेगी (डी.आई.जी. आईटीबीपी), टी.संजीत सिंह (कमाडेंट आईटीबीपी) और अनुज दीक्षित ने पूजन एवं दीप प्रज्वलित किया। स्वामी धीरानन्द जी की ओर से भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के आयोजन में सहयोग करने वाले सभी क्षेत्रवासियों एवं संस्थाओं का धन्यवाद किया। कथा के समापन पर डॉ. प्रियंका के परिवार ने व्यास पूजन कर सन्त समाज को सम्मानित किया।
श्री भीमाकाली मन्दिर न्यास की ओर से मुख्य पुजारी पूर्णानंद व मदन सिंह ने कथा व्यास को मन्दिर का स्मृति चिह्न भेंट किया। महिला मण्डल मजगांव,नवारा,कमराली,बठारा,तलारा,रंगोरी व ग्राम पंचायत सराहन ने भी साध्वी बहनों को सम्मानित किया। प्रभु की पावन आरती में ग्राम प्रधान अनु मेहता,सोहन,यशपाल, राजिंदर शर्मा आदि विशेष रुप से उपस्थित रहे।