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डीजीपी का पलटवार, एसपी को सस्पेंड करने की सिफारिश

विमल नेगी मौत मामला

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ज्ञान ठाकुर/ हप्र

शिमला, 25 मईहिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले की जांच के चलते चर्चा में आये शिमला के एसपी संजीव गांधी को अपने बॉस यानी डीजीपी डॉक्टर अतुल वर्मा के खिलाफ बगावत महंगी पड़ने लगी है। एसपी गांधी ने शनिवार को डीजीपी और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के खिलाफ पत्रकार वार्ता बुलाकर कई आरोप लगाए थे। इसके बाद अब डीजीपी अतुल वर्मा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र लिखकर घोर अनुशासनहीनता के आरोप में एसपी संजीव गांधी को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने की सिफारिश की है।

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पत्र में डीजीपी ने कहा कि संजीव गांधी ने वरिष्ठ सरकारी एवं संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ 'निराधार और अनुचित आरोप' लगाए हैं और उन्हें विमल नेगी की मौत की विभागीय एवं सीबीआई जांच के नतीजे आने तक निलंबित किया जाना चाहिए। डीजीपी ने एसपी शिमला द्वारा 'दुर्व्यवहार और अवज्ञा' के उदाहरणों का हवाला दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पत्र के अलावा एसपी द्वारा शनिवार को मीडिया से बातचीत का एक वीडियो भी मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के निजी सचिव को भेजा गया है।

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एसपी संजीव गांधी ने शनिवार को डीजीपी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने विमल नेगी की मौत के मामले में गलत मंशा के चलते एसआईटी जांच पर सवाल उठाते हुए भ्रामक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की और कई मामलों में जांच में बाधा डालने की कोशिश की। संजीव गांधी ने पूर्व डीजीपी और मुख्य सचिव पर भी आरोप लगाए हैं।

गौरतलब है कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को बिलापुर जिले में गोविंद सागर झील से मिला था। उनकी पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया है कि वरिष्ठ अधिकारी पिछले छह महीनों से उन्हें परेशान कर रहे थे।

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