सीएम सुक्खू केंद्रीय मंत्री गडकरी के समक्ष आज रखेंगे राज्य का पक्ष
शिमला, 13 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में प्रकृति के तांडव के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई की शिकायत करेंगे। साथ ही सुक्खू हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान खासकर सड़कों को हुए नुकसान की भरपाई की भी गडकरी से आग्रह करेंगे। सोमवार को ही सुक्खू का केंद्रीय वित्त मंत्री डा. निर्मला सीतारमण से मिलने का भी कार्यक्रम है।
जानकारी के अनुसार सुक्खू नितिन गडकरी से हिमाचल में एनएचएआई द्वारा किए जा रहे फोरलेन निर्माण से स्थानीय लोगों को हो रहे नुकसान के संबंध में अवगत करवाएंगे।
आरोप है कि एनएचएआई फोरलेन निर्माण क्षेत्र में लोगों के हितों की परवाह किए बिना निर्माण कार्य करती है। इसी का परिणाम शिमला के भट्टाकुफर में जंमीजोद हुआ बहुमंजिला मकान है।
इसी तरह से प्रदेश के विभिन्न भागों में सैकड़ों लोग एनएचएआई के रवैये के कारण बर्बाद हो चुके हैं। हिमाचल में एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ 700 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू सोमवार को ही केंद्रीय वित्त मंत्री डा. निर्मला सीतारमण से भी मिलेंगे। सीतारमण से राज्य के प्रतिकूल हालात को देखते हुए ऋण सीमा को बढ़ाने का आग्रह किया जाएगा। सुक्खू सरकार की दलील है कि जीएसटी मुआवजा धनराशि बंद होने के बाद राज्य को वित्तीय मोर्चे पर अलग से नुकसान हुआ है। ऐसे में मॉनसून की वर्षा के कारण प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार को विशेष वित्तीय मदद प्रदान की जाए।
आपदा से हुए नुकसान से करवाएंगे अवगत
जानकारी के अनुसार सुक्खू गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल सकते हैं। गृह मंत्री कार्यालय से मिलने का समय मांगा गया है। अमित शाह को प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान से अवगत करवाया जाएगा। सुक्खू पिछले तीन साल से लगातार मानसून के दौरान हो रहे नुकसान के संबंध में विशेष पैकेज दिए जाने का मामला उठाएंगे। सुक्खू 15 जुलाई को 16वें वित्तायोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को रखेंगे।
डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मुख्यमंत्री सुक्खू तीसरी बार मिलकर विशेष दर्जा प्राप्त हिमाचल को उदार सहायता प्रदान किए जाने पर पक्ष रखेंगे। राजस्व घाटा अनुदान आरडीजी राशि में हुई कटौती का मामला भी मुख्यमंत्री फिर से उठाएंगे। प्रदेश को वित्तीय वर्ष, 2020-21 के दौरान 11431 करोड़ रुपए आरडीजी ग्रांट मिलती थी, जो मौजूदा वित्तीय वर्ष, 2025-26 में घटकर 3257 करोड़ रुपये रह गई है।