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पांच ग्लेशियर पार करने के बाद होंगे श्रीखंड महादेव के दर्शन

प्रशासन द्वारा भेजे गए आठ सदस्यीय दल ने श्री खंड महादेव के रास्तों का लिया व्यापक जायजा
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18570 फुट की ऊंचाई पर स्थित “श्री खंड महादेव” का पवित्र शिखर
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प्रेम राज काश्यप/हप्र

रामपुर बुशहर, 29 मई

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18570 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शनों को जाने वाले भक्तों को इस वर्ष रास्ते में पिछले वर्ष की अपेक्षा कम बर्फ और ग्लेशियर देखने को मिलेंगे, जबकि कुछेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुए रास्तों को सुधारने की बेहद आवश्यकता है। जुलाई माह में शुरू होने वाली श्रीखंड महादेव यात्रा को लेकर रास्तों की रेकी करने के लिए निरमंड प्रशासन द्वारा भेजा गया 8 सदस्यीय रेकी दल वापस लौट आया है। इस दल ने यात्रा से पहले इस रास्ते की पूरी रेकी कर रास्ते को लेकर अपनी रिपोर्ट एसडीएम मनमोहन सिंह को सौंप दी है।

यह रिपोर्ट तीन जून को श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट की निरमंड में होने वाली बैठक में एसडीएम निरमंड द्वारा श्री खंड महादेव यात्रा ट्रस्ट की चेयरमैन एवं डीसी कुल्लू को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट में बताए गए सुझावों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के बाद यात्रा शुरू होने से पहले उन पर काम किया जाएगा। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार दो तीन स्थानों पर यात्रा से पहले रास्ते को दुरुस्त करने की बेहद जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष 31 जुलाई की रात को श्री खंड महादेव पर्वत की पहाड़ी पर बादल फटने के बाद आई बाढ़ में भीम डवारी के पास कुछ मीटर की खाई बन गई है, जहां रास्ता बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां बाकायदा रास्ता बनाने और एक वैकल्पिक पुल लगाने की बेहद जरूरत है। इसके अलावा ब्राहटी नाला के पास रास्ता काफी क्षतिग्रस्त है, जिसे भी यात्रा से पहले दुरुस्त करने की अति आवश्यकता है। श्रीखंड जाने वाले रास्ते की कुछ जगहों पर हल्की सी मरम्मत की जरूरत है, जबकि पार्वती बाग से ऊपर श्रीखंड महादेव की चोटी तक रास्ते बिल्कुल सही हैं। उपमंडलाधिकारी (नागरिक) मनमोहन सिंह ने बताया कि उपमंडल मुख्यालय निरमंड से शुरू होने वाली इस कठिन यात्रा के मार्ग की जांच के लिए प्रशासन की एक संयुक्त टीम गठित की गई थी, जिसमें राजस्व विभाग के पटवारी बुद्धि सिंह और टेक सिंह, वन रक्षक, जल शक्ति विभाग का फीटर, दो पुलिस जवान और अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के दो प्रशिक्षित पर्वतारोही शामिल रहे। यह टीम यात्रा के सिंहगाड़, थाचडू,कुंशा, भीम डवार और पार्वती बाग जैसे कठिन पड़ावों के साथ-साथ पुलों, अस्थायी शिविर स्थलों और ग्लेशियरों की स्थिति का गहन निरीक्षण कर वापस लौट आई है और इस टीम ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसे तीन जून को डीसी कुल्लू की अध्यक्षता में निरमंड में होने वाली श्री खंड महादेव ट्रस्ट की बैठक में पेश करने के बाद चर्चा की जाएगी।

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