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‘मदन लाल ढींगड़ा की शहादत से प्रेरणा लें युवा’

फतेहाबाद, 17 अगस्त (हप्र) शहीद मदनलाल ढींगड़ा के बलिदान दिवस पर बृहस्पतिवार को भाजपा जिला कार्यालय में भाजपा नगर मंडल की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, नगर मंडल अध्यक्ष शम्मी ढींगड़ा ने शहीद...
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फतेहाबाद, 17 अगस्त (हप्र)

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शहीद मदनलाल ढींगड़ा के बलिदान दिवस पर बृहस्पतिवार को भाजपा जिला कार्यालय में भाजपा नगर मंडल की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, नगर मंडल अध्यक्ष शम्मी ढींगड़ा ने शहीद मदनलाल ढींगड़ा को पुष्प अर्पित कर उनकी शहादत को नमन किया। बलदेव सिंह ग्रोहा ने कहा कि मदनलाल ढींगड़ा ने युवा अवस्था में देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। मदन लाल ढींगड़ा की शहादत से युवा पीढ़ी को भी प्रेरणा लेनी चाहिए कि देश के प्रति हमेशा समर्पित रहना ही हमारा कर्तव्य है। शहीद मदनलाल ढींगड़ा पूरे देश का गौरव है। इस अवसर पर जगदीश शर्मा, महेश शर्मा, राजेन्द्र खिची, सविता टुटेजा, दर्शन नागपाल, मुलखराज चावला, राखी मक्कड़, जगदीप मोंगा, रणजीत ओड, बनवारी लाल गहलोत, राधाकिशन नारंग, अवतार मोंगा, विजय अग्रवाल, शिवम श्रीवास्तव, रजत खाण्डा, इन्द्रसेन बतरा, राजेश जांगड़ा, संजीव गेरा, हंसराज सचदेवा, सुनील शर्मा, सुरेन्द्र, हंसराज योगी, नरेश सरदाना, महेन्द्र नागपाल, गुलशन कुमार, औम प्रकाश सैन सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे। उधर, पंचनद स्मारक ट्रस्ट ने लघु सचिवालय स्थित शहीदी स्मारक पर शहीद मदन लाल ढींगड़ा को पुष्प अर्पित किए गए। इस मौके पर पंचनद स्मारक ट्रस्ट के जिला प्रधान गुलशन रूखाया, विजय निर्मोही, संत कुमार एडवोकेट ने कहा कि शहीद मदनलाल ढींगड़ा ने देश के लिए जो किया, वह सम्मान उनको नहीं मिला। उनको यह सम्मान पहले भी मिलना चाहिए था।

आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल में मनाया बलिदान दिवस

पानीपत (निस) : आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल में बृहस्पतिवार को शहीद मदनलाल ढींगड़ा का बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर हुये कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के प्राचार्य सत्यवान मलिक ने की। प्राचार्य सत्यवान मलिक ने कहा कि भारत भूमि वीर शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म व कर्मभूमि रही है। महान क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा परिवार की इच्छा के विरुद्ध कम आयु में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये और अंग्रेज हुकूमत ने 17 अगस्त 1909 को इन्हें अंग्रेज अफसर पर गोली चलाने के अपराध में फांसी की सजा दे दी।

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