पानीपत/समालखा (निस) : यमुना नदी का तटबंध टूटने से पानी सुबह से दर्जनों गांव में तबाही मचा रहा है। मंगलवार तड़के करीब 3 बजे हलके के गांव नवादा आर और पत्थरगढ़ के बीच बना बांध टूट गया, जिससे कई हजार क्यूसेक पानी खेतों और गांवों में घुस आया। यमुना से सटे 7 गांवों का संपर्क टूट गया है। वहीं क्षेत्र का जायजा लेने सुबह से जिला उपायुक्त वीरेन्द्र दहिया मौके पर मौजूद हैं तो वही समालखा के विधायक धर्म सिंह छोक्कर व करनाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद संजय भाटिया ने भी मौके पर पहुंचकर प्रभावित क्षेत्र का मुआयना किया। जिला उपायुक्त वीरेन्द्र दहिया ने बताया कि 3 लोग पानी के अंदर फंसे हुए हैं, जिनको निकालने के लिए टीमें भेज दी गई हैं और नाव मंगवाई गई है। उन्होंने कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण मे है, क्योंकि दूसरा बांध अभी सुरक्षित है। यमुना का पानी भर जाने से समालखा हलके के गांव सनौली, गढ़ी बेसिक, नवादा आर, नवादा पार, पत्थरगढ़, तामशाबाद, राणा माजरा गांव पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। सभी सात गांव यमुना नदी से सटे हुए हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।