चंडीगढ़, 9 सिंतबर (ट्रिन्यू)
किसान-मजदूर से बड़ा कर्मयोगी दूसरा कोई नहीं है और सरकार इस कर्मयोगी की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन मैं सरकार को बता देना चाहता हूं कि वह अपनी गलती में सुधार करे और किसानों और मजदूरों की मांगों को तुरन्त स्वीकारते हुए एमएसपी पर फसल खरीद गारंटी कानून लेकर आये। सरकार 36 बिरादरी के गरीब किसान, मजदूर के साथ मनमानी करने की हरगिज भी गलती ना करें वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। यह कहना है महम के निर्दलीय विधायक और किसानों के लिए लगातार आवाज उठा रहे बलराज कुंडू का।
आज शाम को रोहतक में मीडिया कर्मियों से बातचीत में बलराज कुंडू ने कहा कि कोरोना का बहाना लेकर सरकार किसान-मजदूर को आंदोलन और पीपली रैली नहीं करने की सीख दे रही है और दबाव बनाने को ओछे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं लेकिन मैं इस किसान विरोधी खट्टर सरकार से पूछना चाहता हूं कि जब सत्ता पक्ष के लोग रैली जलसे करते हैं तब ये नियम-कायदे कहां चले जाते हैं ? क्या सारे नियम-कायदे सिर्फ किसानों पर ही लागू होते हैं ? सरकार अपनी हरकतों से बाज आये वरना ठीक नहीं होगा। गरीब किसान, मजदूर समेत 36 बिरादरी की आवाज को दबने नहीं दूंगा।
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने तीनों कृषि अध्यादेशों को किसान-मजदूर को बर्बाद करने वाला बताते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह एक चौथा अध्यादेश लेकर आये जिसमे एमएसपी से ऊपर फसल खरीद की गारंटी हो और प्राइवेट पर्चेजर द्वारा खरीदी जाने वाली फसल के मूल्य की गारंटर सरकार बने।