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बगैर जमीन कहां बनेगा जंगल सफारी प्रोजेक्ट

चंडीगढ़, 3 सितंबर (ट्रिन्यू) हरियाणा की मनोहर सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट – नूंह व गुरुग्राम में बनने वाला जंगल सफारी पार्क अभी फाइलों में ही लटका है। इसके लिए सरकार अभी तक जगह का चयन नहीं कर पाई है। हालांकि...
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चंडीगढ़, 3 सितंबर (ट्रिन्यू)

हरियाणा की मनोहर सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट – नूंह व गुरुग्राम में बनने वाला जंगल सफारी पार्क अभी फाइलों में ही लटका है। इसके लिए सरकार अभी तक जगह का चयन नहीं कर पाई है। हालांकि यह निर्णय लिया जा चुका है कि नूंह व गुरुग्राम में अरावली हिल्स में 10 हजार एकड़ भूमि में यह विकसित किया जाएगा। जंगल सफारी के लिए कौन सी जमीन होगी और इस पर कब तक काम शुरू होगा, इस पर अभी सरकार जवाब देने की स्थिति में भी नहीं है।

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अंडेमान-निकोबार में कुछ फॉरेस्ट एरिया को डि-नोटिफाई किया गया था। इसी जगह देश में अन्य जगह पर फॉरेस्ट एरिया बनाने का निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में हरियाणा ने इस प्रोजेक्ट को हासिल किया और नूंह व गुरुग्राम में जंगल सफारी पार्क बनाने का निर्णय लिया गया। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस प्रोजेक्ट को लेकर कई बार बैठकें भी कर चुके हैं। इतना ही नहीं, वे दुबई स्थित जंगल सफारी का निरीक्षण भी कर चुके हैं ताकि हरियाणा में उससे भी बेहतर जंगल सफारी बनाई जा सके।

विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क शारजाह में है। 800 हेक्टेयर में बने इस सफारी पार्क में 120 वन्यजीव प्रजातियां हैं और इसे फरवरी 2022 में आम जनता के लिए खोला गया। पिछले साल 29 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम और नूंह में संरक्षित अरावली के 10 हजार एकड़ क्षेत्र में जंगल सफारी विकसित करने का ऐलान किया था। वन विभाग द्वारा किए सर्वेक्षण के अनुसार अरावली में पक्षियों की 180 से अधिक प्रजातियां, जलीय जानवरों की 29 प्रजातियां, तितलियों की 57 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15 प्रजातियां और अन्य जानवर निवास करते हैं।

10 गांवों की जमीन ली है पट्टे पर

संबंधित विभागों ने गुरुग्राम व नूंह के दस गांवों की जमीन को 33 साल के लिए पट्टे पर लेने की योजना बनाई थी। सरकार का मानना है कि सफारी पार्क स्थापित होने से पर्यटन बढ़ेगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। रोजगार के साथ साथ आसपास के गांवों में ग्रामीणों को होम स्टे पॉलिसी के तहत भी लाभ मिलेगा। सबसे बड़ी और रोचक बात यह है कि हरियाणा सरकार ने जंगल सफारी विकसित करने का काम वन एवं वन्य जीव विभाग को देने की बजाय इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी है।

सरकार ने बनाई है कार्ययोजना

जंगल सफारी के लिए सरकार ने व्यापक कार्ययोजना बनाई हुई है। इसमें एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी/बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स/विजिटर/टूरिज्म जोन, बॉटेनिकल गार्डन/बायोमेस, इक्वाटोरियल/ ट्रॉपिकल /कोस्टल/डेजर्ट सफारी पार्क का हिस्सा होंगे।

कागजों में ही प्रोजेक्ट

बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद्दा उठाया था। उनका कहना है कि अभी तक सरकार जमीन का ही चयन नहीं कर पाई है। यह प्रोजेक्ट अभी कागजों में ही है। पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है कि अरावली सफारी पार्क परियोजना का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। परियोजना का मास्टर प्लान बनने के बाद ही चिह्नित क्षेत्र का ब्यौरा दिया जा सकता है।

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