भारत के न्यू नॉर्मल के मायने
औमप्रकाश धनखड़
पूर्व मंत्री, हरियाणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में जितनी स्पष्टवादिता, दृढ़ता और विश्वास के साथ सधे और नपेतुले शब्दों में अपनी बात विश्व के समक्ष रखी है, ऐसा साहस उनका कोई पूर्ववर्ती दिखा नहीं सका। संबोधन में उन्होंने न्यू नॉर्मल शब्द का प्रयोग किया जिसके मायने समझना आज सम सामयिक है। न्यू नॉर्मल मतलब - अब पूर्ववत नहीं यथावत रहना है। आतंकी घटनाक्रम घटित होने बाद अक्सर हम पुरानी सामान्य स्थितियों में लौट जाते थे। हर बार किसी भी चुनौती की घटना को एक नई या इकलौती घटना के रूप में लेते व तत्कालीन प्रतिक्रियाओं के पश्चात पूर्ववत हो जाते थे। जैसे कुछ खास नहीं हुआ है। लेकिन अब वर्तमान प्रधानमंत्री का उस पूर्ववत होने से नकार है, राजनीतिक इच्छाशक्ति, वर्तमान की जरूरतों व सामर्थ्य के अनुरूप यथावत होने का दृढ़ निर्णय है। भारत प्रतिरक्षा में कई कदम आगे बढ़ गया है।
अब वह दशकों पुराने ढर्रे पर सोचने समझने व क्रियान्वित करने के लिये नहीं लौटने वाला है। आज की स्थिति समझ, नीति व क्रियान्वयन का नये भारत का सामर्थ्य है। इसी से नव भारत का न्यू नॉर्मल है। भारत अब सटीकता से मार करता है। भारत का ‘न्यू नॉर्मल’ अब आतंकवाद के खिलाफ बेहद आक्रामक, निर्णायक और स्वतंत्र सैन्य कार्रवाई है। भारत का न्यू नॉर्मल है-आतंकवाद के हर ठिकाने पर चोट, बिना किसी बंधन के, अपनी शर्तों पर कार्रवाई करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि अब भारत आतंकवाद का जवाब सीमित या प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक सैन्य कार्रवाई से देगा-चाहे वह पाकिस्तान के बहुत भीतर हो या केवल सीमा के पार। भारत अब आतंकी व आतंकवाद की जननी में भेद नहीं करेगा। ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ या सीमाओं की आड़ अब भारत को नहीं रोक सकेगी। हम अपने तरीके से अपनी शर्तों पर जवाब देते रहेंगे, हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे जहां आतंकी संगठनों की जड़ें निकलती हैं। भारत अपनी युद्ध तकनीक के आधार पर सटीकता से मार करता है। दुनिया के विकसित देशों के समान भारत ने इस सामर्थ्य को हासिल किया है। केवल तकनीकी नहीं, भारत सटीकता से मार करने का साहस भी रखता है, भारत का वर्तमान नेतृत्व मजबूती से निर्णय करता है व उसे क्रियान्वित भी करता है। भारत हवा में ही मिसाइल व ड्रोन आक्रमणों को रोकने का सामर्थ्य रखता है। वह समस्त आक्रमणों को हवा में रोकता भी है। ऐसी तकनीक से सजग भी है, सन्नद्ध भी है। ब्रह्मोस, आकाश व सुदर्शन चक्र से चोट व सुरक्षा भारत का न्यू नॉर्मल है। भारत परिस्थितिजन्य तात्कालिक स्थिति के आधार पर निर्णय कर क्रियान्वयन करता है। भारत की पाकिस्तान नीति भी बदल गई है। अब सिर्फ बातचीत या संबंध सामान्य करने पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा पर केंद्रित है। आतंकवाद व पाक अधिकृत कश्मीर ही मुद्दा है। टेरेरिज्म व टाॅक साथ नहीं चलेंगे। टेरेरिज्म व ट्रेड साथ नहीं चलेगा। पानी व खून साथ नहीं बहेंगे। भारत अपने फैसले खुद लेता है। अन्य किसी का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता। कोई करे तो उसे अच्छा नहीं मानता है। कोई जता दें तो बात वापसी का सामर्थ्य भी रखता है। यह असाधारण रूप से भारत का न्यू नॉर्मल है। बीच-बचाव के दावे व श्रेय की श्लाघा भारत को पसंद नहीं आई। बीच-बचाव के दावेदारों को अपने शब्द वापस लेने पड़े हैं।
भारत ने रिएक्टिव नीति के स्थान पर प्रोएक्टिव नीति अपने का निर्णय लिया है। यानी हम घटनाक्रम होने की प्रतीक्षा नहीं करेंगे, अपितु घटना होने की सम्भावनाओं के आधार पर कार्रवाई करेंगे। भारत अब झूठे नैरेटिव से निपटने का सामर्थ्य भी रखता है। सत्य व साक्ष्यों के आधार शत्रु देश द्वारा बनाये जा असत्य नैरेटिव समस्त उपलब्ध तकनीकों व मीडिया माध्यमों से तुरंत पलट दिये जाते हैं। सत्य मुखर होकर प्रत्यक्ष खड़ा हो जाता।
अब भारत की जनता का भी न्यू नॉर्मल है। वह पहचानती है भारत के मित्र व शत्रुओं को, तुरंत फैसले करती है। तुर्किये व अजरबेजान की टिकटें व व्यापार समझौते रद्द हो जाते हैं। वह संदेश दे देती है, हमें किसी की गैर आवश्यक मध्यस्थता पसंद नहीं आ रही है। स्वागत है भारत के इस न्यू नॉर्मल का। भारत के नेतृत्व के फैसले न्यू नॉर्मल का।