पंकज अरोड़ा/निस
पिपली (कुरुक्षेत्र), 18 अप्रैल
सिंचाई के लिए नलकूप का बहुत ज्यादा प्रयोग होने के कारण जिले के कई ब्लॉक इस समय डार्क जोन में हैं। इससे ग्राउंड वाटर लेवल कम होता जा रहा है और ओवरफ्लो पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। इस समस्या के समाधान के लिये मनरेगा स्कीम के तहत ऐसे सभी जोहड़ों से खेतों तक पानी की पाइप लाइन बिछाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। बता दें, पिछले साल जिले के 53 गांव में इस प्रकार का प्रोजेक्ट किया गया था, जिसमें ओवरफ्लो जोहड़ से पानी की पाइपलाइन खेतों की तरफ बिछाई गई और आवश्यकता अनुसार बीच-बीच में नाके दिए गए। जिससे आवश्यकता के अनुसार खेतों में सिंचाई के लिए जोहड़ के पानी का प्रयोग किया जा सके। पाइपलाइन के कार्यों की सफलता को देखते हुए जिले के सभी ओवरफ्लो तालाबों को इस प्रकार की पाइपलाइन से जोड़ने को कहा गया, इससे किसानों को बिना अतिरिक्त प्रयास के खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा । साथ ही गांव में ओवरफ्लो तालाबों की समस्या से निजात मिल सकेगी। इस वर्ष में अभी तक 80 ऐसे तालाब चिन्हित किए गए हैं जिनसे ओवरफ्लो पानी का खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया किया जाएगा। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक मुंजाल ने बताया गया कि गेहूं की फसल काटने के उपरांत सभी कार्यों को शुरू कर दिया जाएगा। इस कार्य के लिए संबंधित एबीपीओ, एसडीओ और बीडीपीओ को आदेश दिए जा चुके हैं, यह कार्य समयबद्ध हैं इसलिए अन्य कार्यों की अपेक्षा इस कार्य पर विभाग का अधिक फोकस रहेगा। अशोक मुंजाल ने बताया पिछले वर्ष जोहड़ से शामलात खेतों की तरफ पाइप लाइन बिछाई गई थी। पिछले वर्ष की सफलता को देखते हुए जिले के सभी ओवरफ्लो जोहड़ को इसी प्रकार की पाइप लाइन से जोड़ा जाएगा।