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Vidya Bharti Haryana : विद्या भारती के 3 दिवसीय प्रांतीय आचार्य सम्मेलन का शानदार आगाज

विद्या भारती द्वारा संचालित प्रदेश के 70 स्कूलों के 1250 आचार्यों ले रहे भाग
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विनोद लाहोट/निस

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समालखा 25 मई ।

हिंदू शिक्षा समिति के तत्वाधान में पट्टीकल्याणा स्थित साधना एवं ग्राम विकास केंद्र पर विद्या भारती के प्रांतीय आचार्य सम्मेलन का आज शानदार आगाज हुआ। 3 दिन तक चलने वाले सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय कार्यक्रम में तो नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित मुख्य अतिथियों, पूरे प्रांत से विद्या भारती के 70 विद्यालयों के लगभग 1250 आचार्य भाई बहनों, अभिभावकों, पूर्व छात्रों, प्रबंध समिति के सदस्यों को अपना संदेश दिया।

राज्यपाल ने सराहना करते हुए कहा कि विद्या भारती 1952 में शिक्षा क्षेत्र में आई, जिसका प्रारंभ से ही उद्देश्य संस्कारित शिक्षा देना रहा है। वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन का नेतृत्व करे और शिक्षा नीति को अक्षरश कक्षा कक्ष में लेकर जाए। राज्यपाल ने आचार्य सम्मेलन में सम्मिलित सम्पूर्ण विद्या भारती परिवार को इसकी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा केवल धन उपार्जन का साधन नहीं है। शिक्षा से प्रत्येक व्यक्ति में प्रतिभा आती है जो ईश्वर की प्रद्धत देन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है वह शीघ्र ही पूर्ण होगा। इससे पहले कार्यक्रम के प्रारंभ में हिंदू शिक्षा समिति के महामंत्री सम्पूर्ण सिंह द्वारा मंचासीन अतिथियों का परिचय एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।

इस मौके पर विद्या भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष अवनीश भटनागर ने कहा कि जब इतिहास ने करवट बदली उसने आने वाली सुबह का स्वागत किया। देश का विकास गुणतवतापूर्वक शिक्षा के मार्ग पर ही निर्भर करता है। भारत हमारे प्रयासों से ही विश्वगुरू बनेगा। शिक्षा केवल भवन एवं साधनों में सीमित नहीं है। आदर्श शिक्षक ही अपने ज्ञान से संस्कारवान विद्यार्थी का निर्माण करता है। ज्ञान एवं शिक्षा का कोई विकल्प नहीं हो सकता।

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री गोविंद चंद्र महंत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता एवं सम्पर्ण का भाव गुरुकुल की शिक्षा का आदर्शस्वरूप है। वर्तमान परिपेक्षण में शिक्षा केवल प्रमाणपत्र और नौकरी पाने का साधन मात्र बन गई है। शिक्षा का उद्देश व्यक्तित्व का विकास एवं चरित्र निर्माण है। इस प्रकार की शिक्षा देने में विद्या भारती मील का पत्थर साबित होगी। जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा।

पूर्व आईपीएस शक्ति सिंह पाठक ने कहा कि बड़ा परिवार समर्थवान एवं भाग्यवान होता है। विद्या भारती द्वारा आयोजित किए जा रहे इस प्रकार के प्रांत स्तरीय सम्मेलन एक मील का पत्थर साबित होंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष अवनीश भट्टनागर, गोविंद चंद्र महंत राष्ट्रीय संगठन मंत्री, देशराज शर्मा अखिल भारतीय महामंत्री, विजय नड्डा क्षेत्रीय संगठन मंत्री, डॉ. कैलाशचंद शर्मा, प्रो. दीप्ति धर्माणी, शक्ति पाठक पूर्व आईपीएस जम्मू कश्मीर, डॉ. ऋषिराज वशिष्ठ अध्यक्ष हिंदू शिक्षा समिति हरियाणा एवं सम्पूर्ण सिंह महामंत्री हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

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