Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

कैथल के अस्पताल ‘प्रसव’ पीड़ा के शिकार

आधी अबादी का पूरा सच सरकारी अस्पताल में प्राइवेट डॉक्टर से चला रहे काम
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
कैथल जिला नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए लाइनों में लगी महिलाएं। -हप्र
Advertisement

ललित शर्मा/ हप्र

कैथल, 28 जून

Advertisement

हरियाणा सरकार बेशक महिलाओं के लिए अनेक घोषणाएं करके महिला सशक्तीकरण के दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। कैथल में आधी आबादी का पूरा सच ये है कि जिला नागरिक अस्पताल सहित छह सामुदायिक और 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक भी महिला रोग विशेषज्ञ डाॅक्टर नहीं है। कैथल जिले में डॉक्टरों के बिना चिकित्सा व्यवस्था ही ‘वेंटिलेटर’ पर है। अन्य डाॅक्टरों की बात करें तो यहां महज 38 चिकित्सकों के जिम्मे 105 डाक्टरों का काम है। महिला रोग विशेषज्ञ के सभी पांच पद खाली हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन दस दिन बाद भी कोई आवेदन नहीं आया। ऐसे में महिलाओं को इलाज के लिए परेशानी आ रही है। प्रसव पीड़ा में महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ रहा है।

अगर अकेले जिला नागरिक अस्पताल की बात करें तो यहां हर माह 350 से ज्यादा डिलीवरी होती हैं। अब कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण डिलीवरी के लिए बाहर से डाॅक्टर बुलानी पड़ती है। इससे अस्पताल को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी विशेषज्ञ न होने के कारण जांच की कोई सुविधा नहीं है। ये केंद्र स्टाफ नर्सों के सहारे चल रहे हैं। विधायक व पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि ऐसी स्थिति पूरे हरियाणा में है। त्रुटिपूर्ण चिकित्सा पॉलिसी की वजह से हरियाणा से डाॅक्टर नौकरियां छोड़कर जा रहे हैं।

67 पद खाली : जिला नागरिक अस्पताल, कैथल में डाॅक्टरों के स्वीकृत पद 55 हैं, जिनमें से 42 खाली पड़े हैं। इसी प्रकार सीवन में 7 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 4 खाली हैं। पूंडरी में 7 में से 3, राजौंद और कौल में 2-2, कलायत में 11 में से 5 और गुहला में डॉक्टरों के 9 पद खाली हैं।

जल्द भरे जाएंगे रिक्त पद : सीएमओ

जिला नागरिक अस्पताल, कैथल की सीएमओ डाॅ. रेणू चावला से इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा कि बेशक महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली हैं, लेकिन महिला रोगियों को परेशानी नहीं होने दी जा रही। एमबीबीएस डाॅक्टरों की सहायता से इलाज कर रहे हैं। कोई गंभीर रोगी आता है या आॅपरेशन की बात आती है तो प्राइवेट डाॅक्टर को बुलाते हैं। किसी को रेफर नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि आवेदन मांगे गए हैं, उम्मीद है कि जल्द ही रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इस बारे में विभाग को भी सूचित कर दिया गया है।

Advertisement
×