‘स्पीड ब्रेकर की बजाये अंडरब्रिज या ओवरब्रिज ही समस्या का समाधान’
सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 21 मार्च
अम्बाला-हिसार हाईवे बाइपास पर गांव धनीरामपुरा के निकट अंडरपास या ओवरब्रिज बनाने का मुद्दा बृहस्पतिवार को विधानसभा में भी गूंजा। विधायक मनदीप चट्ठा ने सदन के सामने लंबे समय से चली आ रही इस मांग को उठाया। पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने अपना स्पष्टीकरण दिया। हालांकि विधायक मनदीप चट्ठा पीडब्ल्यूडी मंत्री के जवाब से सहमत नहीं हुए।
बातचीत में मनदीप चट्ठा ने बताया कि स्पीड ब्रेकर बनाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। कई लोगों की इस कट पर जान चली गई, इसके बावजूद भी सरकार पंचायतों की मांगों को अनदेखा कर रही है।
विधायक मनदीप चट्ठा ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान गांव धनीरामपुरा और अरूणाय के ग्रामीणों को झेलना पड़ा। मरने वालों में ज्यादातर लोग इन्हीं गांवों के हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि यहां अंडरपास या ओवरब्रिज का निर्माण करवाए। विधायक मनदीप चट्ठा के सवाल पर जवाब देते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि सरकार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बातचीत करके समस्या का स्थाई समाधान निकालने का प्रयास करेगी। तब तक अगले तीन दिनों में यहां स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे ताकि वाहनों की रफ्तार कम हो सके।
पंचायतें भी प्रस्ताव भेज चुकी हैं
अंडरपास या ओवरब्रिज की मांग को लेकर गांव धनीरामपुरा, अरुणाय, बिलोचपुरा, सैंसा, तलहेड़ी, भट्टमाजरा सहित कई पंचायतों ने नेशनल हाइवे आथोरिटी ऑफ़ इंडिया के दफ्तर में प्रस्ताव दिया था लेकिन उन पर कोई विचार नहीं किया गया। विधायक मनदीप चट्ठा ने विधानसभा में बताया कि हर माह त्रयोदशी पर हजारों श्रद्धालु और महाशिवरात्रि में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। माता बगलामुखी के मंदिर में भी हजारों श्रद्धालु आते हैं। ये कट बेहद खतरनाक है। यहां अंडरपास या ओवरब्रिज का निर्माण जरूरी है। सेफ्टी के प्वांइट ऑफ व्यू से जो कट का डिजाइन था। वहां रास्ता यहां छोड़ा गया है। जो पूरी तरह से असुरक्षित है
दर्जनों लोगों ने सड़क हादसों में गवाई जान
आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि 2017 में जब कंपनी इस हाईवे का निर्माण कर रही थी तो धनीरामपुरा गांव के पास एक कट छोड़ दिया। जबकि यहां अंडरपास की जरूरत थी। यह कट सुरक्षित ना होने के कारण यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। अब तक यहां 15 से ज्यादा सड़क हादसे हो चुके हैं। 2019 में गांव अरुणाय के रोहित की यहां हुए हादसे में जान तक जा चुकी है और 24 सितंबर को बिलोचपुरा के सुखपाल की स्कूटी भी ऐसे ही कट पर कर से टकरा गई जिसमें उनकी भी जान चली गई। 23 दिसंबर को अरुणाय के रविंद्र प्रसाद की भी इसी कट पर मौत हो गई।