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Trade Union Strike: वामपंथी ट्रेड यूनियनों की 20 मई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र, अम्बाला शहर, 15 मई Trade Union Strike: भारतीय मजदूर संघ (भामस) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि वह देश की कुछ ट्रेड यूनियनों द्वारा 20 मई को लेबर कोड को लेकर आहूत देशव्यापी हड़ताल में...
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भारतीय मजदूर संघ नेता पवन कुमार। फाइल फोटो
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र, अम्बाला शहर, 15 मई

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Trade Union Strike: भारतीय मजदूर संघ (भामस) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि वह देश की कुछ ट्रेड यूनियनों द्वारा 20 मई को लेबर कोड को लेकर आहूत देशव्यापी हड़ताल में शामिल नहीं होगा। भामस ने आरोप लगाया कि कुछ ट्रेड यूनियंस अवसर के रूप में इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती हैं और इस कारण श्रमिकों को गुमराह करते हुए 20 मई 2025 को राष्ट्रव्यापी हडताल का आह्वान इन्होंने किया है। यह 20 मई 2025 की राष्ट्र व्यापी हड़ताल विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित है।

भामस उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री पवन कुमार ने बताया कि भारत सरकार ने देश में प्रभावी 29 श्रम कानून के स्थान पर 4 नए लेबर कोड का निर्माण वर्ष 2019 एवं 2020 के दौरान किया है। इसके अंतर्गत 29 श्रम कानून को 4 नवीन श्रम कोड में सम्मिलित कर इसका नामकरण कोड ऑन वेजेस 2019, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 किया है।

उन्होंने बताया कि भारतीय मजदूर संघ ने 2 लेबर कोड ऑन वेजेस 2019 ‘कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020’ का स्वागत किया है। उन्होंने दावा किया कि कोड ऑन वेजेस 2019 तथा कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 एक ऐतिहासिक कोड है जिसमें पहली बार सेंट्रल गवर्नमेंट के स्तर पर फ्लोर लेवल मिनिमम वेज तय करने तथा राज्य सरकारों को इसके बराबर या इससे अधिक न्यूनतम वेतन राज्यों में तय करने का अधिकार दिया गया है।

इस कोड के तहत न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी प्रत्येक 5 साल में हो सकेगी, यह भी उल्लेखित है। पहले अधिसूचित रोजगार में कार्यरत मजदूर ही केवल न्यूनतम वेतन का हकदार होता था, अब इसमें बदल किया गया तथा कोई भी मजदूर जो 8 घंटे कही भी कार्य करेगा और वह न्यूनतम वेतन पाने का हकदार होगा।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 के तहत गिग एवं प्लेटफार्म कर्मी के लिए पहली बार सोशल सिक्योरिटी का प्रावधान किया गया है। संस्थान के द्वारा किसी कर्मचारी हेतु निर्धारित राशि का कंट्रीब्यूशन ईएसआइसी में जमा नहीं करने के बराबर में ईएसआईसी अस्पताल के द्वारा श्रमिक की बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में उसका इलाज नहीं किया जाता था। अब इस नए कोड के तहत निर्धारित कंट्रीब्यूशन की राशि यदि संस्थान के द्वारा ईएसआईसी के पास जमा नहीं भी की जाती है तो भी श्रमिक की बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में उसका संपूर्ण इलाज ईएसआईसी हॉस्पिटल के द्वारा किया जाएगा, यह इस कोड की अच्छाई है।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त कारणों से भारतीय मजदूर संघ ने उपरोक्त 2 लेबर कोडों का स्वागत किया है तथा शेष 2 लेबर कोड कोड ऑन आईआर 2020 तथा ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020 में सभी स्टेट होल्डर से चर्चा करते हुए आवश्यक संशोधन करने का सुझाव सरकार को दिया है। उनके अनुसार विगत दिनों में सरकार ने अलग-अलग ट्रेड यूनियन एवं मालिकों के साथ इस विषय में चर्चा भी की है किंतु यह पर्याप्त नहीं है। इस विषय में सरकार को और भी अधिक गंभीर होकर गहन स्तर पर अति शीघ्र सभी पक्षों से चर्चा संपन्न कर उपरोक्त 2 कोड्स में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ पुरजोर इस हडताल का समर्थन नहीं करता है तथा अपनी यूनियनों का आहवान करता है कि हमें ऐसी किसी भी हडताल में 20 मई 2025 को शामिल नहीं होना चाहिए। भारतीय मजदूर संघ सरकार से भी आहवान करता है कि भारत सरकार कोड ऑन आई आर 2020 तथा ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ कोड 2020 में संशोधन का कार्य शीघ्र पूर्ण करें।

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