राजेश शर्मा/हमारे प्रतिनिधिफरीदाबाद, 8 फरवरी38वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में देश के जाने माने सुप्रसिद्ध सूफी गायक डॉ. सतिंदर सरताज ने अपनी मखमली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने 2 घंटे की बेजोड़ प्रस्तुति दी। खोल दे दिलां दी गल सारी गीत पर दर्शक जमकर झूमे। बता दें कि 38वां अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला 7 फरवरी से शुरू हो गया है जो कि 23 फरवरी तक चलेगा। मेले में दर्शकों के मनोरंजन के लिए शानदार प्रबंध किया गया है, जिसमें दिनभर अलग-अलग राज्यों और प्रदेशों के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे, वहीं दूसरी ओर हर शाम को संगीतमई बनाने के लिए जाने माने कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। शिल्प मेले की पहली शाम डॉ. सरताज ने अपनी कला का खूब जादू बिखेरा। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत साईं रे साई, फरियाद तेरे साई से की तो वहां पर बैठे हजारों की संख्या में दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने आजा खोल दे दिला दी गल सारी..गीत की प्रस्तुति दी तो सारा पंडाल नाचने पर मजबूर हो गया। हर कोई दर्शक उनके गाने के नाचते हुए अपने आपको अपने फोन के कैमरे में कैद करता नजर आया। उन्होंने सानू ईक पल चैन न आवे सजना तेरे बिना, उड़े जब-जब जुल्फें तेरी कि कैसे न नजर फिसले, पानी लेने के बहाने आजा कि तेरा मेरा इक रस्ता आदि गीतों की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं दूसरी ओर सरताज के साथ उनके प्रशंसक एक सेल्फी लेने के लिए उत्साहित नजर आए। मेले में विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को आकर्षित किया। बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे, जिन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।छोटी चौपाल पर रागिनियों का बड़ा धमालमेले की अलग-अलग चौपालों पर देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपने-अपने राज्य की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया। साथ ही अपने राज्यों की संस्कृति व विरासत से भी बखूबी परिचय करवाया। इन्हीं चौपालों में से छोटी चौपाल पर हरियाणवीं रागिनियों के साथ-साथ सामूहिक नृत्य सहित अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को शाम तक रोके रखा। मेला में छोटी चौपाल पर कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग तथा पर्यटन विभाग हरियाणा द्वारा तैयार किए गए सांस्कृतिक मंच पर दूसरे दिन का आगाज पलवल के लोक कलाकार राजकुमार तेवतिया और उनकी टीम की रागिनियों से हुआ। सौ-सौ पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान मैं. भगत सिंह कदे जी घबरा ज्या तेरा बंद मकान में ने पंडाल को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। उनकी हरियाणवीं बोली में प्रस्तुत की गई यह रागिनी शहीद-ए-आजम भगत सिंह की वीरगाथा पर आधारित रही। फरीदाबाद के एनआईटी स्थित राजकीय विद्यालय की छात्राओं के सामूहिक नृत्य ने भी छोटी चौपाल में चार चांद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन छात्राओं द्वारा मेरा चूंदड़ मंगवा दे हो ननंदी के बीरा ने हरियाणवी गीत और संस्कृति की अनूठी प्रस्तुति दी।राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने मेले किया भ्रमण, खरीदारी भी कीराज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने शनिवार को यहां पहुंचकर मेले का भ्रमण किया और कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखा। राज्यसभा सांसद ने मेले में सर्वप्रथम थीम स्टेट उड़ीसा के पैवेलियन का भ्रमण किया। यहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ के चरणों में शीश नवाया। इसके उपरांत उन्होंने हरियाणा सांस्कृतिक और कला को प्रदर्शित करते विरासत हरियाणा पैवेलियन का दौरा किया। यहां उन्होंने हरियाणवी परिधान, हमारे पुराने औजार, पुराने खेती के औजारों का अवलोकन किया। उन्होंने बीन सपेरा पार्टी द्वारा दी गई सांस्कृतिक प्रस्तुति को भी देखा। सांसद ने मेले में अलग-अलग स्टाल पर भ्रमण किया और स्वयं भी खरीदारी की।विदेशी पर्यटक भी थिरकते नजर आएमेले में हरियाणा के साथ अन्य प्रदेशों के कलाकार भी अपनी लोक शैली से पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। मेले में लोक कलाकारों द्वारा दर्शकों का पारंपरिक वेशभूषा में परंपरागत वाद्य यंत्र बजाकर स्वागत किया जा रहा है। इन कलाकारों के वाद्य यंत्रों की ध्वनि इतनी सुरीली है कि पर्यटक खुद को थिरकने से नहीं रोक पा रहे हैं। मेले में डेरु, बैगपाइपर व ढोल की थाप पर युवक युवतियां ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी जमकर थिरकते नजर आए रहे है। मेला परिसर में जगह-जगह पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित ऐसी सांस्कृतिक टोलियां लोगों का खूब मनोरंजन कर रही हैं। भिवानी निवासी सतीश की 8 सदस्यीय बैगपाइपर पार्टी की धुन पर युवक युवतियां खूब नाचते नजर आए। यह पार्टी मोरबीन, चिमटा, सेट्रम तथा डूबी वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनें बिखेर कर लोगों का मनोरंजन कर रही हैं।