चंडीगढ़, 21 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सरकारी व प्राइवेट भवनों में फायर सेफ्टी नियमों को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर हो गई है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। दरअसल, भवनों में आग की घटनाओं से बचाव के लिए सरकार ने मानदंड तय किए हुए हैं। बड़ी संख्या में प्राइवेट बिल्डिंगों मसलन सिनेमाहाल, मल्टीप्लेक्टस, शॉपिंग मॉल्स, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज आदि में इन नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आ चुके हैं।
इस पर कड़ा नोटिस लेते हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागों के साथ प्राइवेट भवनों में फायर सेफ्टी प्रबंध करना अनिवार्य किया है। मंगलवार को उन्होंने इस बाबत हाई लेवल मीटिंग भी की। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त पीके दास, पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, चिकित्सा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ जी़ अनुपमा, अग्निशमन सेवाएं, हरियाणा के महानिदेशक अशोक कुमार मीणा मुख्य रूप से मौजूद रहे।
कौशल ने तीन माह में इसके लिए ऑडिट करने के आदेश अधिकारियों को दिए। उन्होंने एक सप्ताह में सभी सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्सों के विशेष फायर सेफ्टी ऑडिट करने को कहा। इसी तरह से विश्वविद्यालयों विशेष तौर पर हॉस्टलों का भी फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि असमय होने वाली आग की घटनाओं से न केवल संपत्ति का नुकसान होता है बल्कि नागरिकों की जान भी खतरे में आ जाती है। इसलिए सभी सरकारी भवनों में आग से बचाव के पूरे इंतजाम होने चाहिए। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। कुल मिलाकर प्रदेश में 13 में से 10 मेडिकल कॉलेज/संस्थामन फायर सेफ्टी उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित हैं। शेष कॉलेज/संस्थायन में भी जल्द ही फायर सेफ्टी मानदंड पूरे किए जाएंगे।
सभी अस्पताल करेंगे मानदंड पूरा
प्रदेश में कुल 28 नागरिक अस्पताल संचालित हैं, इनमें से अधिकांश में फायर सेफ्टी मानदंडों को कार्यान्वित किया गया है। कुछ अस्पतालों में मानदंड पूरा न होने के कारण एनओसी जारी नहीं की है। इस पर मुख्य सचिव ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी नागरिक अस्पतालों में सितंबर माह तक फायर सेफ्टी मानदंड अमल में लाए जाएं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मार्केट कमेटी के भवनों में फायर सेफ्टी उपकरण सहित अन्य आवश्यक प्रबंध आगामी 30 नवंबर तक पूरे किए जाएं। इतना ही नहीं, यार्ड या शेड में भी खाद्यान्न व अन्य सामग्री के आग से बचाव के लिए भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएं ओर अग्निशमन व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए।