भरतेश सिंह ठाकुर/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 अप्रैल
हरियाणा के 19 सरकारी स्कूलों में एक भी दाखिला नहीं हुआ है, जबकि 50 से कम नामांकन वाले 3148 स्कूल हैं। राज्य में 811 एकल-शिक्षक विद्यालय हैं। ये तथ्य हरियाणा के लिए ‘समग्र शिक्षा’ के 2024-25 के वार्षिक कार्य योजना और बजट पर विचार के लिए प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) के मिनटों में सामने आए हैं। हरियाणा में 14,562 स्कूल हैं।
पीएबी ने प्रारंभिक स्तर पर प्रतिकूल छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर) की ओर इशारा किया है जो 35.43 प्रतिशत है। स्कूल शिक्षा और शिक्षण सचिव ने सुझाव दिया कि राज्य को स्कूलों के युक्तिकरण (रैशनाइजेशन) को सुनिश्चित करने और विशेष रूप से प्रारंभिक स्तर पर पर्याप्त संख्या में शिक्षकों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
राज्य के स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी पूरी नहीं हुई हैं। इनमें काफी काम बचता है। जिन कामों में कमी रह गयी है उनमें अतिरिक्त कक्षाएं (4.18%), लड़कों के शौचालय (0.97%), लड़कियों के शौचालय (1.71%), एकीकृत विज्ञान प्रयोगशालाएं (50.69 %) आदि शामिल हैं। बैठक विवरण के मुताबिक पीएबी ने दोहराया है कि मंजूरी के पांच साल बाद ‘समग्र शिक्षा’ ढांचे के अनुसार ये प्रतिबद्ध देनदारियां बड़ी जिम्मेदारी बन जाएंगी। बैठक 22 फरवरी को हुई थी। इसके मिनट्स हाल ही में जारी किए गए हैं।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में हरियाणा को रिक्तियों को भरने के लिए उपाय तैयार करने के लिए कहा गया था, क्योंकि 45.14 प्रतिशत सीटें अभी भी खाली हैं। इसी तरह, 36 स्वीकृत टाइप चार केजीबीवी में से तीन को अभी भी कार्यात्मक नहीं बनाया गया है। मिनट के मुताबिक वर्ष 2023-24 में ब्लॉक स्तर पर केवल 6.66 प्रतिशत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पहचान शिविरों का आयोजन किया। राज्य से इस गतिविधि के समय पर संचालन के लिए एक तंत्र विकसित करने का आग्रह किया गया है।
उच्च रिक्तियों की ओर भी इशारा पीएबी ने शिक्षा संस्थानों में उच्च रिक्तियों की ओर भी इशारा किया। राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), गुरुग्राम में शैक्षणिक पदों पर 49.3 फीसदी वैकेंसी है। डिस्टि्रक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग में 59.29 प्रतिशत पद खाली हैं। बैठक मिनट में कहा गया, ‘…रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जा सकता है। इसके अलावा, यह सूचित किया जाता है कि डीआईईटी ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत धनराशि जारी करना 30 जून 2024 तक मौजूदा रिक्तियों को भरने पर निर्भर होगा।’
समयबद्ध कार्य योजना पर बल बैठक में समयबद्ध कार्य योजना पर बल दिया गया। विभिन्न कार्यक्रमों के लिए कुल 2,174.18 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें प्रारंभिक शिक्षा के लिए 916.46 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा के लिए 1,205.10 करोड़ रुपये और शिक्षक शिक्षा के लिए 52.61 करोड़ रुपये शामिल हैं।