नारनौल, 22 अप्रैल (हप्र)
एक मैरिज पैलेस पर निर्माण के आठ साल बाद नगर परिषद ने सीलिंग प्रक्रिया शुरू की है, जिसके लिए तहसीलदार विकास कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। लेकिन ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बीच में ही चले जाने के कारण सीलिंग प्रक्रिया अधूरी रह गई।
इस दौरान कुछ लोगों द्वारा कार्यकारी अधिकारी सुमनलता एवं अन्य अधिकारियों को लगभग एक घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नगर परिषद अधिकारियों की गाड़ी को बाहर निकलवाया। इस संबंध में दोनो पक्षों ने पुलिस को शिकायत दी है। गौरतलब है कि सीलिंग के लिए 18 अप्रैल को संचालकों को नोटिस जारी कर सूचित किया गया था कि 7 फरवरी 2022 को उनके द्वारा लगभग 9819 वर्ग मीटर जमीन के नक्शे को शहरी निकाय विभाग के निदेशक को भेज दिया गया था, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। उनके द्वारा भेजे गए जवाब को भी संतोषजनक नहीं पाया गया। इसलिए सीएल फार्म को नियमानुसार सील किया जाएगा। सीलिंग के लिए लगभग 2 बजे नगर परिषद की टीम कार्यकारी अधिकारी सुमनलता के नेतृत्व में मैरिज पैलेस पर पहुंची। इस दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार विकास कुमार भी मौके पर पहुंच गए। कार्रवाई के दौरान 24 अप्रैल को शादी की बुकिंग करवाने वाले कन्या पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंच गए और शादी तक सीलिंग टालने के आग्रह किया। इस पर कार्यकारी अधिकारी ने उन्हें प्रशासक व एसडीएम मनोज कुमार से लिखित आदेश करवाने को कहा। सीलिंग प्रक्रिया को रुकता नहीं देखकर ये लोग आपा खो बैठे और कार्यकारी अधिकारी की गाड़ी के आगे बैठ गए। लगभग एक घण्टे तक चले हंगामे के बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। कार्यकारी अधिकारी सुमनलता ने जितेंद्र सिंह नामक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस को सरकारी काम में बाधा डालने, उन्हें बंधक बनाने व सीलिंग प्रक्रिया को बाधित करने की शिकायत दी। जबकि जितेंद्र सिंह ने कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ उनके सामान को गलत तरीके से सील करने की शिकायत दी।
पुलिस ने अपनी मौजूदगी में नगर परिषद टीम को बाहर निकलवाया। उप निरीक्षक सरिता ने बताया कि दोनों पक्ष की शिकायत उन्हें मिली है, जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कार्यकारी अधिकारी ने कहा
कार्यकारी अधिकारी सुमनलता ने बताया कि सीएल फार्म संचालकों द्वारा न तो नियमानुसार नक्शा जमा करवाया गया है और न ही विकास शुल्क। अन्य शुल्क के भी लाखों रुपये इनकी तरफ बकाया हैं। डीएमसी कोर्ट में ये हार चुके हैं और हाइकोर्ट की मोहलत अवधि भी समाप्त हो चुकी है, इसलिए सीलिंग प्रक्रिया आरम्भ की गई है। लेकिन ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बीच में चले जाने के कारण कार्रवाई अधूरी रह गई। कुछ लोगों द्वारा कार्य में बाधा डाली गई और उन्हें बंधक बनाया गया, इसकी शिकायत पुलिस को दी है।