कृषि विभाग की टीम ने किया गांवों का निरीक्षण
असीम यादव/हप्र
नारनौल, 8 अगस्त
दैनिक ट्रिब्यून में मंगलवार को जिला में बाजरे की फसल को सुंडीनुमा कीड़े व स्टेमरॉट बीमारी द्वारा नष्ट किये जाने का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया है। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने आज विभिन्न गांवो में फसल का निरीक्षण किया।
सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी नारनौल डा. मनमीत यादव, सहायक पौधा सरंक्षण अधिकारी नारनौल डा. हरपाल सिंह, खंड कृषि अधिकारी अटेली डा. रजनीश, खंड कृषि अधिकारी नांगल चौधरी डा. हरीश यादव, कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डा. जयलाल व डा. राजपाल की संयुक्त टीम ने खंड अटेली के गांव चंदपुरा गणियार, फतेहपुर, तिगरा व भौडी, खंड नांगल चौधरी के गांव नांगल कालिया, नांगल नुनिया व मौसमपुर गांव में खेतों का निरीक्षण किया। मुख्य कीट वैज्ञानिक डा. जय लाल ने बताया कि बाजरा फसल के सीटे पर सुंडी कीट का आक्रमण आया हुआ है। यह कीट हैलीकोवरपा आर्मीगैरा के लारवा का आक्रमण है। इनकी संख्या बाजरे के सिटटे पर एक-दो से लेकर पांच-सात तक है जो बाजरे के दाने को खा रहे हैं।
इस अवसर पर कृषि विभाग अटेली से डा. देवेंद्र एडीओ, डॉ. वीर कुमार एडीओ, डॉ. सुधीर यादव, डॉ. रविंद्र यादव, डॉ. सोनिया मौजूद थे।
विशेषज्ञों ने बताये तरीके ![]()
कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल ने इसकी रोकथाम के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5एसजीऐट 100 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ या स्पिनोस्ड (ट्रेसर) 45 एसजीऐट 75एमएल प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. हरपाल यादव ने बताया कि फसल की लंबाई अधिक होने के कारण उपरोक्त दवाई का छिड़काव करते समय किसानों को बहुत सावधानी बरतनी होगी। इस मौके पर खंड कृषि अधिकारी डॉ. रजनीश कुमार ने कहा कि दवा का यदि सही से छिड़काव करें तो कीट का नियंत्रण किया जा सकता है।