यमुनानगर, 3 जुलाई (हप्र)
यमुनानगर की सड़कों के किनारे लगे बिजली निगम के कई बड़े टावर हादसों का कारण बन रहे हैं। अब जब इन सड़कों को फोरलेन किया जाना है, ऐसे में बिजली निगम को डेढ़ करोड़ की राशि जमा कराए जाने के बावजूद उन्हें हटाया नहीं गया है। जिसके चलते न सिर्फ फोरलेन का कार्य अटका हुआ है बल्कि हादसे भी बढ़ रहे हैं।
यमुनानगर कमानी चौक में एक बड़ा टावर पिछले कई वर्षों से लगा है। चौक के एक किनारे लगा यह टावर कई फुट चौड़ा है। इसी तरह कमानी चौक से बस अड्डा को जाने वाले मार्ग पर भी टावर लगे हुए हैं। सड़कों के बीच में लगे इन टावरों के चलते अकसर जाम लग जाता है, दुर्घटनाएं होती हैं। रोड सेफ्टी की मीटिंग में बार-बार यह मुद्दा उठाया जाता रहा है। इन टावर को शिफ्ट किए जाने की मांग भी वर्षों से चली आ रही है। अब पिछले साल केल से कलानौर तक के नेशनल हाइवे को चौड़ा करने की योजना बनी। लेकिन इसमें भी यह टावर आड़े आ रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इन टावरों को हटाने के लिए बिजली निगम को डेढ़ करोड़ की राशि जमा कराए भी लंबा समय बीत चुका है, लेकिन इसके बावजूद ये टावर जस के तस हैं।
एचवीपीएन कंस्ट्रक्शन के उप मंडल अधिकारी मनदीप कुमार ने बताया कि शहर के बीचोबीच लगे तीन बड़े टावरों को हटाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। जल्दी ही टेंडर अलाट होंगे और इन्हें हटाने का काम शुरू होगा।