कुरुक्षेत्र, 5 मई (हप्र)
राष्ट्र के प्रति कर्तव्य पुत्र प्रेम से भी अधिक मूल्यवान होता है। पन्ना धाय ने मेवाड़ के उत्तराधिकारी कुंवर उदय सिंह को बचाने के लिए अपने पुत्र चंदन का बलिदान दे दिया।
यह मार्मिक कहानी दीपदान नाटक के माध्यम से कुरुक्षेत्र विवि द्वारा आयोजित पांच दिवसीय नाट्य उत्सव के तीसरे दिन ऑडिटोरियम के मंच पर प्रस्तुत की गई। मुख्यातिथि सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि जीवन की सच्ची घटनाओं पर आधारित दीपदान देश के प्रति पन्ना धाय के त्याग, समर्पण और बलिदान की कहानी है। इससे पूर्व मुख्यातिथि नायब सिंह सैनी, प्रो. सोमनाथ सचदेवा कुलपति, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने मुख्यातिथि एवं सभी मेहमानों का स्वागत किया और नाटक निदेशक अभिषेक शर्मा सहित उनकी पूरी टीम को कुलपति ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. सुनील ढीगड़ा, डॉ. नीलम ढांडा, प्रो. परमेश, डॉ. ब्रजेश साहनी, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. गुरचरण, डॉ. मधुदीप सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।