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अंतिम पंक्ति का व्यक्ति निश्चिंत भरे पेट, ऐसे देश की परिकल्पना : काम्बोज

हिसार, 20 मार्च (हप्र) भारत को वर्ष 2047 तक विकसित बनाना है तो अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को वे समस्त सुविधाएं प्राप्त होनी चाहिए, जिसकी उसे व उसके परिवार को जरूरत है। इसलिए युवा पीढ़ी को कौशल रूप से...
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हिसार स्थित हकृवि में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनी का अवलोकन करते मुख्यातिथि प्रो. बीआर काम्बोज व अन्य। -हप्र
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हिसार, 20 मार्च (हप्र)

भारत को वर्ष 2047 तक विकसित बनाना है तो अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को वे समस्त सुविधाएं प्राप्त होनी चाहिए, जिसकी उसे व उसके परिवार को जरूरत है। इसलिए युवा पीढ़ी को कौशल रूप से विकसित और राष्ट्रहित में काम करने के लिए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। साथ ही उन्हें अच्छे संस्कारों को धारण करना चाहिए। यह बात चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में दी रोल ऑफ यूथ इन द विजन एंड मिशन ऑफ विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही। इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप मे भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय आयोजन सचिव सुरेश जैन उपस्थित रहे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरूषों के प्रेरक प्रसंगों से सीख लें। मुख्यातिथि ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे विद्यार्थियों को सम्मानित कर प्रमाण-पत्र दिए। मुख्य वक्ता भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय आयोजन सचिव सुरेश जैन ने बताया कि विकसित भारत बनाने का मकसद समाज के प्रति संवेदनाएं व ममत्व जैसे गुणों को धारण करना भी है।

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