अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 8 मई
एक ओर केंद्र व राज्य सरकार देश व प्रदेश में हजारों तालाबों का जीर्णाेद्धार करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू कर रहे हैं वहीं इसके ठीक विपरीत भिवानी शहर की पुरानी पहचान जोहड़ों पर निरंतर कब्जे हो रहे हैं। लगभग 2 दर्जन जोहड़ों में से अधिकांश पर या तो कब्जे हो चुके हैं या फिर ये जोहड़ सिकुड़कर बहुत छोटे रह गए हैं। परिणामस्वरूप जोहड़ों के किनारे न तो पशुओं के रंभाने की आवाजें आती हैं और न ही पक्षियों की चहचाहट सुनाई देती है। जोहड़ों में बच्चों की अठखेलियां व तपती दोपहर में जलक्रीड़ा एक तरह से लुप्त हो गई हैं। भू-माफिया व कब्जाधारियों ने दान में दी गई जोहड़ों की जमीन तक को नहीं बख्शा। ज्यों-ज्यों जोहड़ों पर कब्जे होते गए त्यों-त्यों जमीन का खारा पानी ऊंचा आ गया और मीठा पानी एक तरह से लुप्त हो गया। रेवेन्यू रिकार्ड के अनुसार शहर के अधिकांश जोहड़ जिनमें नीमड़ीवाली, मूलचंद, बिछवाना जोहड़, डोभी तालाब, मलूवाला जोहड़, नूनसर जोहड़ खासतौर पर शामिल हैं के तहत दस-दस एकड़ भूमि दर्शायी गई है। शहर की आबादी बढऩे के साथ ही भू-माफिया की नजर भी इन जोहड़ों पर पड़ने लगी। अधिकांश जोहड़ों पर या तो कब्जे हो गए या फिर इनका एरिया एक से लेकर 3 एकड़ तक रह गया। हरियाणा सरकार द्वारा 5 वर्ष पूर्व भिवानी के जोहड़ों को पुर्नजीवित करने के लिए एक भव्य योजना शुरू की गई थी, कहा गया था कि सभी जोहड़ों का सौंदर्यकरण किया जाएगा और इसके लिए लगभग 20 करोड़ रुपए भी निर्धारित किए गए थे। सरकार की इस घोषणा ने शहरवासियों के लिए एक नई उम्मीद पैदा की थी। शहरवासियों की उम्मीद उस वक्त धराशायी हो गई जब नगरपरिषद परिषद द्वारा जोहड़ों को कब्जामुक्त करने के लिए कोई भी कोशिश नहीं की गई।
सख्त कार्रवाई की मांग
जोहड़ों पर कब्जे हटवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले एवं भिवानी सुधार एवं विकास समिति के अध्यक्ष कैप्टन पवन अंचल का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद कब्जों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जोहड़ों पर कब्जे करने वालों तथा इन कब्जों को रिकार्ड में वैध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
‘दुखदायी बात’
सांसद धर्मबीर सिंह का कहना है कि जोहड़ों पर कब्जे बड़ी दुखदायी बात है। कब्जों में सहायता करने वाले सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सरकार को लिखा जाएगा ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।