विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 30 जून
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन राव भागवत ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि कुरुक्षेत्र को पूरा विश्व पवित्र ग्रंथ गीता की स्थली के रूप में पहचान रहा है। गीता स्थली से संपूर्ण विश्व को गीता का ज्ञान प्राप्त हो रहा है। गीता स्थली से पूरी सृष्टि के चक्र को जानने का अवसर भी प्रत्येक मानव को हासिल हो रहा है।
भागवत ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के महत्व को समझते हुए ही सरकार ने मानवता को भाईचारे और शांति का संदेश देने के लिए गीता स्थली ज्योतिसर में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को स्थापित किया है।
सरसंघचालक डाॅ. मोहन राव भागवत ने ज्योतिसर में मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनि के बीच भगवान श्रीकृष्ण के 40 फुट ऊंचे विराट स्वरूप का लोकार्पण किया। 13 करोड़ 63 लाख रुपये की लागत से बने इस विराट स्वरूप के लोकार्पण समारोह में राज्यपाल बंडारू दतात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
इस दौरान डाॅ. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिंचाई एवं पानी संसाधन विभाग की 545 लाख की लागत से नरवाना ब्रांच किरमच बारवा रोड पर सिंगल स्पैन स्टील ब्रिज, सिंचाई विभाग की ही 631.51 लाख की लागत से नरवाना ब्रांच पर बनने वाले पुल, सिंचाई विभाग के एसवाईएल नहर पर 329.44 लाख की लागत से बनने वाले पुल तथा अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण का पूरा जीवन ही दिव्यता से परिपूर्ण रहा है, लेकिन ज्योतिसर की इसी पावन धरा पर युद्ध के मैदान में उनके द्वारा अर्जुन को दिया गया संदेश मानवता का युगों-युगों तक मार्गदर्शन करता रहेगा। इस मौके पर पर्यटन मंत्री कंवर पाल, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद रतनलाल कटारिया, विधायक सुभाष सुधा, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा, उपायुक्त मुकुल कुमार, केडीबी के सीईओ चंद्रकांत कटारिया, भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व विधायक डा. पवन सैनी, भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर व अन्य मौजूद रहे।
वृंदावन, मथुरा की भांति गीता की उपदेश स्थली आएं पर्यटक : मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता स्थली कुुरक्षेत्र को श्रीकृष्णा की भूमि के रुप में पहचान दिलाने का काम सरकार की तरफ से किया जा रहा है। सरकार की योजना है कि वृंदावन और मथुरा की तरह पर्यटक व श्रद्धालु कुरुक्षेत्र में भी भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश की स्थली को देखने के लिए आए। इसके अलावा ज्योतिसर को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए करीब 205 करोड़ रुपए की राशि से विश्व स्तरीय संग्रहालय, महाभारत थीम पर अलग-अलग प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रथम चरण में श्री कृष्णा सर्किट में शामिल करके कुरुक्षेत्र को 94.50 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए गए और श्रीकृष्णा सर्किट के दूसरे चरण में भी तीर्थों के विकास के लिए बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। इस धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दिव्य कुरुक्षेत्र के रूप में विकसित कर रही है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड भी लगातार काम कर रहा है।