सुरेंद्र सिंह सांगवान/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 3 फरवरी
प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने फिर अल्टीमेटम दिया है कि हरियाणा सरकार 6 फरवरी तक राज्य के सभी स्कूलों को खोलने की मंजूरी प्रदान करे, ऐसा नहीं किया गया तो 7 फरवरी से अभिभावकों, पंचायतों, खापों, सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर प्राइवेट स्कूलों में कक्षायें शुरू कर दी जाएंगी। बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में एसोसिएशन के प्रधान राम अवतार शर्मा ने यह बात कही।
इस मौके पर एसोसिएशन के सचिव रामकुमार बंगालिया, वरिष्ठ उप प्रधान वजीर सिंह ढांडा, पंचकूला के प्रधान शैलेश मीना नरवाल, मुकेश यादव मौजूद रहे। प्रधान ने कहा कि आज राज्य में बाजार, शराब ठेके आदि सब कुछ खुला है, ऐसे में स्कूल बंद क्यों रखे गए हैं। एसोसिएशन प्रदेश के सभी विधायकों को स्कूल खोलने बारे ज्ञापन सौंप चुकी है। राज्य में 60 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। स्कूल बंद रखने से होने वाले नुकसान के बारे में विश्व बैंक, यूनिसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट ज्ञापन के माध्यम से सरकार को भेजी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि स्कूल न खुलने से बच्चों का बौद्धिक विकास बाधित हो रहा है। स्कूल में बच्चे अनुशासन में रहते हैं और वहां महामारी से बचाव संबंधी सभी हिदायतों का पालन कराया जाता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी स्कूल खुले हैं जहां कोरोना के सबसे अधिक केस सामने आये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। राम अवतार शर्मा ने कहा कि कहा कि प्राइवेट स्कूलों में 134 ए के तहत गरीब बच्चों को कक्षा दो से आठ तक दाखिले दिये हैं। लेकिन पिछले आठ साल का बकाया सरकार द्वारा अभी तक अदा नहीं किया गया। भुगतान के लिये पोर्टल खोलने का सरकारी दावा भी खोखला निकला है। न नौवीं से बारहवीं कक्षा के लिये फीस निर्धारित की। शर्मा के अनुसार भाजपा ने 2014 में अस्थायी स्कूलों को नियमों में ढील देकर मान्यता देने का वादा घोषणा पत्र में किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया।