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आसमान से बरस रही आग ने बिगाड़ी पशुओं की सेहत, 20 फीसदी तक दूध घटा

चिकित्सक बोले- अपने पशुओं को लेकर बहुत ज्यादा सजगता बरतें पशुपालक
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जगाधरी के बूडिया इलाके में चरागाह में चरने के लिए आया गोवंश। -हप्र
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अरविंद शर्मा / हप्र

जगाधरी, 18 मई

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बीते कई दिनों से पारा चालीस डिग्री सेल्सियस के करीब चल रहा है। रिकार्डतोड़ गर्मी के असर से इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी अछूते नहीं हैं। आसमान से बरस रही आग से पशुओं की सेहत बिगड़ रही है। प्रचंड गर्मी से दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन 20 फीसदी तक गिर गया है। वहीं, पशु पालन विभाग के पूर्व चिकित्सक पशुपालकों व किसानों को बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। रविवार को भी आसमान से आग बरसने का सिलसिला जारी रहा।

जगाधरी क्षेत्र में पशुपालक महेंद्र सिंह , फूल्ला राम, विनय कुमार आदि का कहना है कि खराब मौसम के कारण पशुओं की खुराक बहुत कम हो गई। जर्सी ब्रीड के पशु बहुत ज्यादा गर्मी मान रहे हैं। बुखार की भी इक्का-दुक्का गोवंश में शिकायत है। उनका कहना है कि दुधारू पशुओं का 15 से 20 फीसदी तक दूध कम हो गया है।

पशुपालन विभाग के पूर्व चिकित्सक डा. संत भारद्वाज का कहना है कि इस बार गर्मी समय से पहले बढ़ने लगी है। उनका कहना है कि पशुपालक बहुत ज्यादा सावधानी बरतें। पशुओं को छायादार व हवादार जगह में रखें। इन्हें ताजा चारा ही दें। पशुओं को दिन में कम से कम तीन बार साफ पानी से नहलायें। इन्हें सुबह, दोपहर, शाम व देर रात गए पानी जरूर पिलाएं।

डाक्टर भारद्वाज का कहना है कि पशुओं की खुराक पर विशेष ध्यान दें। पशुओं को गर्म-सर्द कतई न होने दें। उनका कहना है कि ऐसे मौसम में हीट स्ट्रोक का बहुत ज्यादा खतरा होता है। इसलिए दिन में पशुओं को कतई बाहर न निकालें। भीषण गर्मी से दुधारू पशुओं का दूध बीस प्रतिशत तक कम हो गया है।

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