वसुधैव कुटुम्बकम की भावना हो रही साकार : नायब
राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 7 फरवरी
अरावली की गोद में बसे ऐतिहासिक सूरजकुण्ड में आयोजित 38वें सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का शुक्रवार को भव्य आगाज हुआ। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बतौर मुख्य अतिथि मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल, सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण व अंत्योदय सेवा मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर और खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम उपस्थित रहे। सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा।
उद्घाटन अवसर पर संबोधित करते हुए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज दो बड़े ऐतिहासिक आयोजनों के माध्यम से भारत देश विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। एक ओर जहां देश को सामाजिक समरसता और एकता के सूत्र में बांधने वाले महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वहीं, भारत की सांझी कलात्मक विरासत का प्रदर्शन करने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का आज शुभारंभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि सूरजकुंड का यह मेला केवल क्राफ्ट को ट्रेड करने या दिखाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह शिल्पकारों और दस्तकारों की पुरातन परंपरा को दर्शाने का महान मंच है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत का जो स्वप्न हम देख रहे हैं, यह मेला उस संदेश को चरितार्थ करने का काम कर रहा है।
वंशिका सैनी ने विरासत में चलाया चरखा
विरासत हरियाणा पैवेलियन के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पुत्री वंशिका सैनी का पगड़ी पहनाकर पैवेलियन में स्वागत किया। पैवेलियन में हरियाणवी संस्कृति को देखकर वंशिका सैनी ने कहा कि हरियाणा की पुरातन संस्कृति बहुत अच्छी और समृद्ध है। वंशिका सैनी ने पैवेलियन में चारपाई भरते हुए क्राफ्टसमैन के साथ चरखा भी चलाकर देखा। इस अवसर पर वंशिका ने यहां पर हरियाणवी लोक परिधानों को देखने के साथ-साथ सेल्फी प्वाइंट्स पर फोटो भी खीचें। विरासत हरियाणा पैवेलियन के संयोजक डा. महासिंह पूनिया की ओर से वंशिका सैनी को उपहार स्वरूप हरियाणवी फुलझड़ी भी भेंट की गई।
उन्होंने कहा कि आज से 10-15 साल पहले भारत की पहचान पूरे विश्वभर में एक गरीब देश, पिछड़े व देश के रूप में थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 10 साल में जो प्रगति की है, उससे एक नए सूर्य का उदय हुआ है। यह भारत के शिल्पकारों, दस्तकारों व हुनरमंदों के लिए सौभाग्यपूर्ण अवसर है। इस समय में भारत के हस्तशिल्प को भी एक नया बाजार मिले, इसकी संभावनाओं का द्वार खुल गया है। सुरजकुंड का यह मेला इस दिशा में एक बड़े मंच के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटन के साथ-साथ जिस तरह देशी पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, उससे पर्यटन के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाईयां देखने को मिली है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से सूरजकुंड के इस मेले के स्वरूप को और बढ़ाया जा सकता है। इसलिए डिजिटल मार्केटिंग के लिए नई पहल करने की आवश्यकता है।
यूट्यूबर, फोटोग्राफर्स को इस मेले में आमंत्रित किया जाए, जो स्वयं इस मेले का आकर्षण देखें और उसे देश-दुनिया तक पहुंचाएं। इससे कलाकारों, दस्तकारों, हुनरमंदों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं और उनकी आजीविका को बढ़ाया जा सकता है। हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा राष्ट्रीय एकता और कला संस्कृति को समृद्ध बनाने पर जोर देते हैं और सूरजकुंड का यह मेला भारत की विविधता में एकता को दर्शाने और प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने की दिशा में शानदार उदाहरण है।
इस अवसर पर विधायक एवं पूर्व मंत्री मूलचंद शर्मा, धनेश अदलक्खा, विधायक सतीश फागना, पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार वोहरा, पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कला रामचंद्रन, मंडल आयुक्त संजय जून, डीसी विक्रम सिंह, सीपी सत्येंद्र कुमार गुप्ता, ओडिशा की रेजिडेंट कमिश्नर मृणाली, पर्यटन निगम के एमडी सुनील कुमार, जीएम आशुतोष राजन सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
देश की पहचान बन चुका मेला
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सूरजकुंड और सूरजकुंड का यह अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला। केवल हरियाणा की ही नहीं बल्कि पूरे देश की पहचान बन चुका है। यह मेला हमारी वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को भी साकार करता है और शिल्प के साथ साथ हमारी संस्कृति को भी दुनिया के सामने रखने का अवसर देता है। उन्होंने इस मेले के आयोजन के लिए हरियाणा पर्यटन विभागए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय, वस्त्र, संस्कृति और विदेशी मामले मंत्रालयों और सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इस मेले में एक राज्य को थीम स्टेट और एक देश को भागीदारी देश बनाया जाता था। इस बार मेले को शिल्प महाकुम्भ का आकार देने के लिए पहली बार मेले में दो राज्यों-ओडिशा और मध्यप्रदेश को थीम स्टेट बनाया गया है। सात देशों के संगठन बिम्सटेक को भी भागीदार बनाया गया है। बिम्सटेक में भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। भले ही ये सात अलग-अलग देश हैं, लेकिन इनकी संस्कृति में समानता है और हम सबके हित एक-दूसरे से जुड़े हैं। इन देशों की शिल्पकला बहुत समृद्ध है।
नायब सिंह सैनी ने मेले में उपस्थित शिल्पियों से अनुरोध किया कि वे अपनी कला को और अधिक निखारने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करें। यह आधुनिक तकनीक का ही कमाल है कि दूरदराज में बैठा एक शिल्पी आज ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्म से अपने उत्पादों को दुनिया के किसी भी कोने में बेच सकता है।