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हंगामे की भेंट चढ़ी प्रजापति कुम्हार सभा की वार्षिक बैठक

2021 में बनाए 4568 वोटों को मान्यता न देने पर लोगों ने नई कार्यकारिणी के खिलाफ किया प्रदर्शन
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कुरुक्षेत्र में प्रजापति कुम्हार धर्मशाला सभा की वार्षिक बैठक में वोट न बनाने पर हंगामा करते लोग।   -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 1 जून (हप्र)

प्रजापति कुम्हार धर्मशाला सभा की वार्षिक बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। सभा की वार्षिक बैठक में 4568 वोटों को मान्यता न देने पर समाज के लोगों ने विरोध किया। समाज के लोगों आम सभा का बहिष्कार करते हुए नई कार्यकारिणी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रजापति कुम्हार धर्मशाला सभा की ओर से 2021 में 4568 वोट बनाए गए थे, बाकायदा इन वोटों के लिए चेक और डीडी के जरिये लोगों ने भुगतान किया था। मगर 4 वर्ष बाद इन्हें मान्य नहीं किया गया। रविवार को धर्मशाला में आयोजित वार्षिक आमसभा में समाज के लोगों ने 4 साल पहले बनाई गई वोटों को मान्यता देने की मांग की, जिसे कार्यकारिणी ने ठुकरा दिया।

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समाजसेवी अनिल बाता, खुशीराम सीवन, ऋषिपाल अमीन, सुभाष कोयर, पवन कोयर, ज्ञान सिंह जुंडला, बनारसी एबली, नुकुल राजौंद, सुरेश कुमार चीका, होशियार सिंह घराड़सी, पवन एबी, जय सिंह फरल, मनीष कोयर, होशियार सिंह कुराड़, राजन एडवोकेट, प्रवीण कैथल, बलबीर नौच, संदीप पैडला ने आरोप लगाया कि नई कार्यकारिणी मनमानी कर रही है और सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर रही है। प्रशासन की ओर से 1 जून 2023 को वोट बनाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी तक नई वोटों को मान्यता नहीं दी गई। ऋषिपाल अमीन ने बताया कि 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक 4568 वोट बनाए गए थे, जिसकी एवज में 27 से 28 लाख रुपये की राशि जमा हुई थी। जिस तरह पहले 439 वोट बनाए गए थे, उसी तरह पर इन वोटों को भी मान्यता दी जानी थी। मगर पुरानी कमेटी ने इन वोटों को मान्यता देने की बजाय 19 जनवरी 2025 को धर्मशाला के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा दिया कि जिस व्यक्ति को अपने पैसे वापस लेने हैं, वह ले सकता है। समाज के लोगों ने एक सुर में मांग कि 4568 वोटों को बनाकर नए सिरे से चुनाव कराया जाएगा और गठित की गई कार्यकारिणी को भंग किया जाए। गठित की गई कार्यकारिणी धर्मशाला के हित में काम नहीं कर रही है और न ही सरकार के किसी आदेश का पालन कर रही है।

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