बाढड़ा, 22 मार्च (निस)
उपमंडल के दो गांवों के किसानों से ग्रामीण बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण वसूली के लिए कृषि भूमि की नीलामी के लिए राजस्व विभाग की टीमें पहुंची लेकिन उनको मायूसी हाथ लगी। टीमों को आज गांव के ग्रामीणों के विरोध व बोली में भाग न लेने के फैसलें के बाद बैरंग लौटना पड़ा। किसानों ने कहा कि किसान पहले ही माली हालत कमजोर होने के कारण भुखमरी की कगार पर है और यह भूमि भी छिन गई तो वह आत्महत्या करने पर मजबूर होगा। गांव काकड़ौली हुक्मी बैंक से एक लाख का किसान क्रेडिट कार्ड योजना से ऋण लेने वाले किसान ने समय पर अदायगी नहीं की तो राजस्व विभाग की टीमें आज दोपहर गांव में नीलामी के लिए पहुंची। ग्रामीणों ने नामजद ऋणी किसान की भूमि खरीदने से साफ इनकार कर दिया। पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा, पूर्व सरपंच विजय फौजी की अगुवाई में ग्रामीणों ने कहा कि गांव के इस किसान की हालत काफी खराब है। सरकार को इस तरह के मामलों में रियायत देनी चाहिए। क्षेत्र के गांव डांडमा में आज नीलामी के लिए पहुंची टीम का समस्त ग्रामीणों ने बायकाट किया तो टीम ने लौटने में ही भलाई समझी। ग्रामीणों ने बताया कि जिस व्यक्ति की खेतीबाड़ी भूमि की ऋण वसूली के लिए नीलामी की जा रही है उसके दादा ने ऋण लिया और अब दादा व पिता के निधन के बाद पोत्र नशामुक्ति शिविर में है जिससे कोई भी ग्रामीण उनकी भूमि की नीलामी में खरीद नहीं करेगा।