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टीचर्स को पसंद के स्कूल में जाने के लिए चुनने होंगे 10 शैक्षणिक ब्लाॅक

कैबिनेट ने छह साल पुरानी शिक्षक स्थानांतरण नीति को रद्द कर नयी नीति को दी स्वीकृति
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चंडीगढ़, 4 अगस्त (ट्रिन्यू)

हरियाणा में लंबे समय से लटक रहे अध्यापकों के तबादले अब जल्द होंगे। प्रदेश सरकार ने अध्यापकों की नई तबादला नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 5 जून 2017 को जारी शिक्षक स्थानांतरण नीति को रद्द कर नई शिक्षक स्थानांतरण नीति के मसौदे को मंजूरी प्रदान की गई। नई नीति में राज्य शिक्षक पुरस्कार और राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के आधार पर जोन तथा अंकों की अवधारणा को समाप्त किया गया है। आ‍ॅनलाइन स्थानांतरण में अब नियमित शिक्षक और अतिथि अध्यापकाें को पसंद के स्कूल में जाने के लिए न्यूनतम 10 शैक्षणिक ब्लाॅक चुनने होंगे। उन सभी पुरुष और महिला शिक्षकों को अधिकतम पांच अंक दिए जाएंगे जिनके पति/पत्नी प्रदेश के किसी विभाग, बोर्ड-निगम, सार्वजनिक उपक्रम, विश्वविद्यालय या हरियाणा में स्थित किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में तैनात हैं। केंद्र सरकार के हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में स्थित कार्यालयों में नियमित आधार पर कार्यरत या अतिथि शिक्षक के रूप में तैनात कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। नई नीति में राज्य शिक्षक पुरस्कार और राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के आधार पर जोन तथा अंकों की अवधारणा को समाप्त किया गया है। एक शिक्षक एक स्कूल में अधिकतम पांच साल तक रह सकेगा। विधवाओं के लिए श्रेणीबद्ध तरीके से अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। सीएंडवी शिक्षकों को जिले के भीतर उनकी पोस्टिंग सुनिश्चित करने के लिए टीजीटी काडर के शिक्षकों की तुलना में उनके जिले में प्राथमिकता दी जाएगी। सभी योग्य मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकाें को अनिवार्य रूप से ईएसएचएम के साथ-साथ टीजीटी के पद का विकल्प भी भरना होगा।

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अच्छे परिणाम का पि्रंसिपल व मुख्य अध्यापकों को मिलेगा लाभ

अच्छे बोर्ड परीक्षा परिणाम का लाभ अब केवल प्रिंसिपल और हेड मास्टर को मिलेगा। 80 से कम छात्र संख्या वाले विषयों के शिक्षकों को पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के कारण अनिवार्य रूप से ड्राइव में शामिल नहीं किया जाएगा, जब तक कि पदों के युक्तीकरण के कारण उनके पद को सरप्लस घोषित नहीं किया जाता है।

अब 25 एकड़ में बनेगा छोटी औद्योगिक इकाइयों का कलस्टर

हरियाणा सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने के लिए कई राहत प्रदान की है। प्रदेश सरकार ने पदमा नीति में बदलाव करते हुए प्रत्येक ब्लाक में एमएसएमई औद्योगिक कलस्टर विकसित करने का दायरा 100 एकड़ से कम करके 25 एकड़ कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पदमा नीति में बदलाव को मंजूरी प्रदान की गई। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल थे। इन परियोजना के लिए भूमि की व्यवस्था राज्य सरकार या कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक निजी डेवलपर्स द्वारा या खरीद के माध्यम से या कम से कम 30 वर्षों के पट्टे पर की जा सकेगी। विकासशील एजेंसी द्वारा राज्य सरकार से 50 प्रतिशत से 85 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकेगी जो अधिकतम 50 करोड़ रुपये होगी। पदमा क्लस्टर स्थापित करने में निजी एजेंसियों को सक्षम बनाने और नए व संभावित उद्यमियों को पदमा क्लस्टर के भीतर इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय निर्धारित किया है।

छात्र मूल्याकंन परीक्षण के लिए प्रश्नपत्र नहीं छपवाएगा शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग ने अगस्त माह में लिए जाने वाले छात्र मूल्याकंन परीक्षण (स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट) का शेड्यूल जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से सैट को लेकर प्रश्नपत्र नहीं छपवाए जाएंगे। अध्यापकों को कक्षा में पढ़ाए गए पाठ्यक्रम में से ही परीक्षा लेने के बाद रिकार्ड तैयार करके अवसर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से छठी से 12वीं कक्षा का छात्र मूल्याकंन परीक्षण सात अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। सुबह और मध्याह्यान में परीक्षाएं आयोजित होंगी। छठी से आठवीं कक्षा की परीक्षाएं सात से नौ अगस्त तक चलेंगी, जबकि नौवीं व दसवीं कक्षा की नौ अगस्त और 11वीं व 12वीं की 11 अगस्त तक परीक्षा आयोजित होगी। शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारी व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक परीक्षाएं आयोजित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

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