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आरोही मॉडल स्कूलों से शिक्षकों, छात्रों का हो रहा ‘मोहभंग’

9 वर्ष में स्टाफ 2232 से घटकर 280 हुआ, विद्यार्थियों की संख्या भी आधी
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नयी दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन सौंपते आरोही मॉडल स्कूल स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधि। -हप्र
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दलेर सिंह/हप्र

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जींद (जुलाना), 11 अगस्त

हरियाणा के दस जिलों में स्थित 36 आरोही मॉडल स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई है। इससे इन स्कूलों से शिक्षकों व छात्रों का मोहभंग हो रहा है। प्रदेश में पिछले 9 वर्षों में इन स्कूलों का स्टाफ 2232 से घटकर 280 रह गया है।

छात्रों की संख्या पहले करीब बीस हजार थी, जो अब घटकर करीब दस हजार रह गई है। शिक्षक और गैर-शिक्षक स्टाफ नौकरी छोड़ रहे हैं, क्योंकि सरकार के आश्वासनों के बावजूद न तो कर्मचारियों का नियमितीकरण हुआ है और न ही उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ मिला है।

स्कूलों में स्टाफ और मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते अभिभावक भी इन स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने में खास रुचि नहीं दिखा रहे। शिक्षकों और छात्रों के हकों को लेकर आरोही मॉडल स्कूल स्टाफ एसोसिएशन हरियाणा पिछले कई वर्षों से सत्तापक्ष एवं विपक्ष के दरवाजे खटखटा रही है, लेकिन शिक्षा निदेशालय की कथित उदासीन कार्यप्रणाली के चलते कोई समाधान नहीं हो रहा। रविवार को एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने जींद में बताया कि हरियाणा में 36 आरोही मॉडल स्कूल वर्ष 2012 में तत्कालीन सरकार द्वारा स्थापित किए गए थे, जो आज भी अपने मेधावी स्टाफ के नियमितीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

हुड्डा को सौंपा ज्ञापन

मनोज कुमार ने बताया कि शनिवार को एसोसिएशन प्रतिनधिमंडल ने दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा व पूर्व शिक्षामंत्री गीता भुक्कल को ज्ञापन सौंपा है। इसमें मांग की गई है कि विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी जो घोषणा पत्र तैयार कर रही है, उसमें आरोही स्टाफ के नियमितीकरण व आरोही स्कूलों की दशा सुधारने का मुद्दा शामिल किया जाए। इससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। प्रतिनिधिमंडल में प्रधान मनोज, उपाध्यक्ष राजेश, डाॅ. अमनदीप, डाॅ. मंजू शामिल रहे।

यह है योजना

15 अगस्त, 2007 को दिल्ली के लाल किले से भाषण देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देशभर में अंग्रेजी माध्यम के 6,000 स्कूल चलाने की योजना की घोषणा की थी। छठी से बारहवीं तक के ये सभी स्कूल शैक्षणिक तौर पर पिछड़े इलाकों में बनाए जाने थे। योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इन स्कूलों को चलाना था। वर्ष 2012 से हरियाणा में 36 आरोही स्कूल चल रहे हैं। इनमें सिरसा और हिसार में 6-6, मेवात और फतेहाबाद में 5-5, पलवल में 4, जींद, कैथल में 3-3, भिवानी में 2, महेंद्रगढ़, पानीपत में एक-एक आरोही स्कूल शामिल हैं। जींद जिला के घासो खुर्द, हसनपुर व नारायण गढ़ गांव में आरोही मॉडल स्कूल मौजूद हैं। शुरू में इन स्कूलों में 36 प्राचार्य, 756 लेक्चरर, 576 मास्टर्स, 36 लाइब्रेरियन, 108 क्लर्क, अकाउंटेंट, 144 लैब सहायक, 144 सेवादार, 72 चौकीदार, 144 महिला सहायक, 144 सफाई कर्मचारी, 36 नर्स, 36 रिसेप्शनिस्ट के पद स्वीकृत किए गए थे।

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