राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 5 मार्च
प्रदेश सरकार ने शुक्रवार देर रात नये परिसीमन के तहत सभी 45 वार्डों की वार्डबंदी के प्रस्ताव को जारी कर दिया है। वार्डबंदी कमेटी की ओर से पिछले दिनों वार्डबंदी का ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को भेजा गया था। पहले यहां 40 वार्ड थे, नयी वार्ड बंदी में पांच वार्ड बढ़ा दिए गए हैं। शहरी निकाय विभाग की ओर से प्रकाशन अवधि के 10 दिनों के अंदर इस पर आपत्तियां, सुझाव मांगे जा गए हैं। सुझाव एवं आपत्तियां विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक को डीसी के माध्यम से भेजे जा सकेंगे। हालांकि वार्डबंदी में इसका उल्लेख नहीं है कि कौन सा वार्ड अनुसूचित जाति, महिला अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति व सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित होगा।
40 से बढ़ कर 45 हो गए हैं वार्ड
जनवरी 2017 में 40 वार्डों में नगर निगम चुनाव हुए थे। नगर निगम का कार्यकाल 10 फरवरी को खत्म हुआ है। पिछले साल 24 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था। पिछले परिसीमन और मौजूदा समय में देखें तो 40 वार्डों की आबादी बढ़ने के बाद वार्डों की संख्या 45 की गई है। सभी वार्डों और नए गांवों की आबादी को देखते हुए निगम ने निजी एजेंसी से सर्वे कराया था। वार्डबंदी कमेटी के चेयरमैन और डीसी जितेंद्र यादव की ओर से इसी सप्ताह सरकार को वार्डबंदी का ड्राफ्ट भेजा था। अब सरकार ने अधिसूचना जारी की है।
आपत्तियां दर्ज होना तय
जो वार्डबंदी तय की गई है, उसमें मौजूदा विभिन्न वार्डों का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है। इस कारण पार्षद बनने का सपना संजाये कई प्रत्याशियों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा सकता है। बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज होने की उम्मीद है। पिछले दिनों सत्तापक्ष से जुड़े कई जनप्रतिनिधियों को वार्डों का स्वरूप बदलने की सूचना मिल गई थी, इस पर उन्होंने दबी जुबान में नाराजगी जताई थी।
‘नियमों को ताक पर रखकर की गई वार्डबंदी’
नगर निगम के पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने कहा कि नियम कानूनों को ताक पर रखकर यह वार्डबंदी की गई है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सत्ताधारी दल नगर निगम चुनावों में अपनी संभावित हार से घबराकर इस तरह के प्रयास कर रहा है कि वह अपने समर्थकों को जिता सके। ऐसा लगता है कि वार्ड बंदी बंद कमरे में बैठ कर की गई है तथा सदस्यों को बिना दिखाए ही साईन करवा लिए गए है।
‘एक सेक्टर, कालोनी को भी कई वार्डों में बांटा’
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं पूर्व पार्षद योगेश ढींगड़ा ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि वार्ड बंदी करते समय सरकारी तंत्र ने एक सेक्टर, एक कॉलोनी यहां तक कि एक पॉकेट को भी कई-कई वार्डों में बांट दिया है। सामान्य तौर पर वार्ड बंदी की सीमा निर्धारण के लिए क्षेत्र के प्रमुख मार्गों का चयन किया जाता है लेकिन सरकारी तंत्र ने इस बार एक मोहल्ले की अलग-अलग गलियों को अलग-अलग वार्डों में शामिल कर यह प्रयास किया है कि किसी तरह से उनके उम्मीदवार जीत जाए।