रिहायशी इलाके में अवैध औद्योगिक इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई अनिवार्य : जस्टिस ललित बत्रा
चंडीगढ़, 6 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने रेवाड़ी के झज्जर रोड स्थित 'साई राम पाइप उद्योग' की अवैध संचालन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। भीम बस्ती के निवासियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप है कि यह फैक्टरी रिहायशी क्षेत्र में बिना अनुमति के चल रही है, जिससे अत्यधिक शोर, वायु प्रदूषण और भारी मशीनों की कंपन से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पहुंचा है। विशेष रूप से, एक हृदय रोगी महिला की सेहत इस प्रदूषण के कारण और बिगड़ी है।
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने स्पष्ट किया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक को स्वच्छ, सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में जीने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। आयोग ने पाया है कि यह फैक्ट्री वायु (प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981; पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986; फैक्ट्री अधिनियम, 1948; और शोर प्रदूषण (नियमन) नियम, 2000 का उल्लंघन कर रही है। साथ ही, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अधिनियम और संबंधित नगर पालिका नियमों के तहत रिहायशी क्षेत्रों में औद्योगिक संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित है।
आयोग ने जिला प्रशासन और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निष्क्रियता पर कड़ी निंदा की है और कहा है कि संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करते हुए नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी। आयोग ने उपायुक्त रेवाड़ी, जिला नगर आयुक्त और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी से इस मामले की पूरी रिपोर्ट 19 अगस्त 2025 तक प्रस्तुत करने को कहा है।
यह मामला न केवल पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति गंभीर चेतावनी है, बल्कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने स्पष्ट कहा कि रिहायशी इलाकों में अवैध औद्योगिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।