हिसार (हप्र) : रेहड़ी वालों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में शहर के रेहड़ी संचालकों ने सोमवार को बस स्टैंड से निगम कार्यालय तक प्रदर्शन किया और नगर निगम के मेयर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। रेहड़ी संचालकों को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रवक्ता मनोज राठी ने आरोप लगाया है जब से हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता मंत्री बने हैं, तब से शहरवासियों, खासकर रेहड़ी वालों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। जनता को अच्छे दिनों का सपना दिखाकर सत्ता में आने वाले भाजपा के सांसद व विधायक धीर-धीरे करके हर वर्ग पर छुरी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी, मेयर या निकाय मंत्री मौके पर आकर बता दें कि आखिर इन रेहड़ी वालों का कसूर क्या है। शहर में बड़े-बड़े मॉल व कोठियां अवैध रूप से स्थाई बनी हुई हैं, उनको तो निगम कुछ नहीं कहता परंतु रेहड़ियों पर सामान बेचकर गुजर-बसर करने वालों पर निगम अधिकारी डंडा चलाते रहते हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।