रेवाड़ी, 20 मार्च (हप्र)
जयपुर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के स्टेनोग्राफर जगदीश चौधरी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार दीवान की कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। उस पर रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 4 लाख रुपये ठगने का आरोप था।
मूलरूप से जिला दौसा निवासी त्रिलोकचंद ने फरवरी 2017 में बावल पुलिस को दी शिकायत में कहा कि गांव जलालपुर के उसके दोस्त चितर सिंह ने बताया कि जयपुर मंडल रेल प्रबंधक के कार्यालय में बतौर स्टेनोग्राफर कार्यरत जगदीश चौधरी पैसे लेकर रेलवे में नौकरी लगवाता है। जगदीश चौधरी ने कहा कि वह भारत को रेलवे में गैंगमैन के तौर पर भर्ती करा सकता है। जिसके लिए उसे 4 लाख रुपये देने होंगे।
त्रिलोकचंद ने बताया कि उसने जगदीश को 3.50 लाख रुपये का चेक दिया। उसने कहा कि उसे जब कुछ दाल में काला दिखाई देने लगा तो जगदीश को रंगे हाथ पकड़वाने के लिए उसने उसे रेवाड़ी की गोकल गेट पुलिस चौकी के पास शेष बचे 50 हजार रुपये देने के लिए बुलाया। डीएसपी ने तत्कालीन बीडीपीओ खोल राजेंद्र सिंह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया।
जैसे ही जगदीश चौधरी रिश्वत के 50 हजार रुपये लेने के लिए गोकल गेट पहुंचा तो पुलिस टीम ने उसे रंगे हाथों काबू कर लिया।