सरकारी अस्पतालों में ऑन कॉल आएंगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 जून
हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में अब डॉक्टरों के लिए भी पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड फार्मूला लागू होगा। अस्पतालों में कैथ लैब जैसी सुविधाएं पहले ही पीपीपी मोड पर शुरू करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में अब स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को ऑन कॉल अस्पतालों में उपचार व ऑपरेशन आदि के लिए बुलाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से इस सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी जा चुकी है।
यह फार्मूला इसलिए लागू किया जा रहा है क्योंकि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। स्त्री व बाल रोग के अलावा एनीथिसिया विशेषज्ञ डॉक्टरों की सबसे अधिक कमी सरकार को खल रही है। दूसरे कई राज्यों में विशेषज्ञ डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों में ऑन कॉल बुलाए जाने की व्यवस्था है। प्राइवेट अस्पतालों में यह व्यवस्था कभी से चली आ रही है। हरियाणा में भी बड़ी संख्या में ऐसे प्राइवेट अस्पताल हैं, जिनमें विशेषज्ञ डॉक्टर बुलावे पर आते हैं।
ऑन कॉल आने वाले डॉक्टरों को प्रति विजिट के हिसाब से मेहताना दिया जाता है। हरियाणा सरकार भी अब प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में प्रति मरीज व प्रति विजिट के हिसाब से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाएगी। भिवानी के सीएमओ (सिविल सर्जन) ने विशेषज्ञ डॉक्टरों को इस योजना के तहत सेवाएं देने के लिए आवेदन भी जारी कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने इस योजना की पुष्टि की है।
इस संदर्भ में प्रदेश मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं। इतना ही नहीं, सीएमओ सिजेरियन व रेडियोलॉजी जैसे केसों में निजी विशेषज्ञों से फीस के साथ सलाह भी ले सकेंगे और उन्हें अस्पतालों में बुला भी सकेंगे। प्रदेश में रेडियाग्राफर की भी कमी है। इस वजह से अस्पतालों में आधुनिक उपकरणों पर पैसा खर्च करने की बजाय सरकार पीपीपी मोड पर विभिन्न प्रकार के टैस्ट की सुविधा मुहैया करवाने पर जोर दे रही है।
दरअसल, हरियाणा में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के पीछे सबसे बड़ी वजह वेतन-भत्ते कम होना है। कई राज्यों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग से पैकेज की सुविधा है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव विशेषज्ञ डॉक्टरों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा भी कर चुकी हैं।
प्राइवेट सेक्टर पर भरोसा
विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्राइवेट सेक्टर पर अधिक भरोसा है। वहां उन्हें मोटा पैकेज मिलता है। प्राइवेट अस्पतालों में नौकरी नहीं करने वाले डॉक्टर खुद की प्रेक्टिस को तवज्जो देते हैं। हरियाणा में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सरकारी नौकरी छोड़कर खुद की प्रेक्टिस की है।
यह होगी फीस
भिवानी के सिविल सर्जन की ओर से पीपीपी मॉडल के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। भिवानी की जिला स्वास्थ्य व परिवार कल्याण समिति ने ट्रायल तौर पर यह शुरुआत करने की पहल की है। इसके तहत स्त्री रोग विशेषज्ञ को 5600 रुपये तथा बाल रोग विशेषज्ञ को चार हजार रुपये प्रति केस के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। वहीं एनेस्थेटिक्स 4800 रुपये प्रति केस मिलेंगे।
} अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों को ऑन कॉल बुलाए जाने की योजना पर काम चल रहा है। प्राइवेट डॉक्टरों को प्रति मरीज के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। पांच जिलों - हिसार, जींद, मेवात, सोनीपत और कैथल में एमआरआई सुविधा शुरू करने की योजना है। यह सुविधा भी प्राइवेट सेक्टर के लोगों के सहयोग से होगी ताकि मरीजों को रियायती दरों पर सुविधा मिल सके। ~ -आरती सिंह राव, स्वास्थ्य मंत्री