प्रदेश के 434 गांवों में गिरा लिंगानुपात, सरकार हुई संजीदा
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 11 मई
हरियाणा के 434 गांवों में गिरे लिंगानुपात ने प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ये ऐसे गांव हैं, जिनमें 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 700 से भी कम है। स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस चुनौती से निपटने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है। प्रदेश स्तरीय टॉस्क फोर्स के साथ-साथ जिलों में डीसी की अध्यक्षता में गठित टॉस्क फोर्स की जिम्मेदारी तय की है। साथ ही, गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात एसएमओ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
लिंगानुपात में सुधार के लिए विभाग ने ग्राम पंचायतों के साथ-साथ खाप पंचायतों से सहयोग लेने का मन बनाया है। गांवों में महिला सरपंचों को ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया जाएगा ताकि वे लोगों को जागरूक कर सकें। इतना ही नहीं, एक व दो जीवित बेटियों वाली गर्भवती महिलाओं के साथ आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स के अलावा आशा वर्कर्स को ‘सहेली’ के तौर पर तैनात किया है। ‘सहेली’ गर्भवती महिलाओं के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहेंगी।
सभी जिलों के सीएमओ को इस संदर्भ में हिदायतें की हैं। स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल लिंगानुपात में सुधार के मुद्दे पर हर सप्ताह स्टेट टॉस्क फोर्स के साथ बैठक कर रहे हैं। प्रदेश मुख्यालय से उन सभी गांवों की रिपोर्ट भी फील्ड में भेजी है, जिनमें लिंगानुपात की स्थिति सबसे खराब है। 700 से भी कम लिंगानुपात को लेकर सरकार इसलिए भी गंभीर है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में हरियाणा के पानीपत से ही ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी।
बीएएमएस को एमटीपी की अनुमति नहीं
विभाग ने प्रदेश में अवैध गर्भपात पर सख्ती से रोक लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। प्रदेश में किसी भी बीएएमएस डॉक्टर को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) प्रक्रिया करने की अनुमति नहीं है। ऐसा करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होगी और उनके मेडिकल लाइसेंस रद्द होंगे। साथ ही, क्लीनिक भी सील होंगे। 12 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात सख्ती से विनियमित किया जाएगा। इसके लिए कम से कम दो पंजीकृत स्त्री रोग विशेषज्ञों की सिफारिशों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से पूर्व अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा।
करनाल के अस्पताल पर कार्रवाई
सरकार ने करनाल के एक प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। दरअसल, यहां एक आवासीय परिसर से 20 एमटीपी किट जब्त की थी। इसी तरह फरीदाबाद के एक निजी केमिस्ट के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन करते हुए एक फर्जी ग्राहक को एमटीपी किट बेचने के लिए एफआईआर दर्ज की है।
कार्रवाई भी और सम्मान भी
जिन गांवों में लिंगानुपात में सुधार नहीं होगा, उस गांव के स्वास्थ्य केंद्र के एसएसओ की जिम्मेदारी तय की गई है। लिंगानुपात अगर गिरा तो एसएमओ पर कार्रवाई होगी। वहीं जिन स्वास्थ्य केंद्रों में लिंगानुपात की स्थिति अच्छी होगी, वहां के डॉक्टरों को पुरस्कृत किया जाएगा।
''प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है। अप्रैल के आंकड़ों के हिसाब से 1000 लड़कों पर 917 लड़कियां हैं, इसमें और सुधार किया जा रहा है। जिन गांवों में लिंगानुपात 700 से भी कम है, उनके लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है। पंचायतों का भी सहयोग लिया जा रहा है। ''
-सुधीर राजपाल, एसीएस स्वास्थ्य विभाग