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समाज परिवर्तन के लिए कार्य कर रहा संघ : मोहन भागवत

जींद (जुलाना), 13 जनवरी(हप्र) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संघ में सक्रिय पूर्व सैनिक स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप तो सेना में रहे हैं। ऐसे में आपके अंदर अनुशासन व देशभक्ति का...
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जींद में शनिवार को पूर्व सैनिक की बैठक में मौजूद आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत। -हप्र
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जींद (जुलाना), 13 जनवरी(हप्र)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संघ में सक्रिय पूर्व सैनिक स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप तो सेना में रहे हैं। ऐसे में आपके अंदर अनुशासन व देशभक्ति का भाव पहले ही भरा हुआ है। संघ भी समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाना चाहता है। अनुशासन व देशभक्ति से देश का युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगा। इसलिए आप संघ को और गहराई से समझ कर हरियाणा में संघ के कार्य को बढ़ाने में अपना योगदान दें।

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डॉ. मोहन भागवत शनिवार को शहर के गोपाल स्कूल में आयोजित अपने तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन शनिवार को पूर्व सैनिकों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ समाज परिवर्तन के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। संघ समाज में लोगों तक ‘पंच परिवर्तन’ अर्थात पांच विषयों को लेकर प्रबोधन करेगा। स्व का बोध अर्थात स्वदेशी, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन ये पंच परिवर्तन के कार्यों को पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इन पंच परिवर्तन के कार्यों से ही समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से ही राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता व सद्भाव से ऊंच नीच जाति भेद समाप्त होंगे। पर्यावरण से सृष्टि का संरक्षण होगा तथा कुटुम्ब प्रबोधन से परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे व समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा मिलेगा। स्वदेशी से राष्ट्र मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि नागरिक कर्तव्य से ही समाज के लोग पर्यावरण के प्रति सजग होंगे और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। समाज में बढ़ती जात-पात की खाई को पाट कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए समाज के सभी वर्ग आपस में मिलना-बैठना, एक दूसरे के सुख-दु:ख में हिस्सा लेना अपने स्वभाव में लाएं।

मोहन भागवत ने प्रदेशभर से आए पूर्व सैनिक स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि गांव, नगर, बस्ती में चलने वाली शाखाओं से जुड़कर आने वाले समय में हरियाणा में शाखाओं को सुदूर गांव, गली तक ले जाने का कार्य करें। बैठक में उनके साथ क्षेत्र संघचालक सीताराम व्यास, प्रांत संघचालक पवन जिंदल एवं लगभग 125 पूर्व सैनिक स्वयंसेवक मौजूद रहे।

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