जगाधरी, 9 मई (निस)
जगाधरी के देवी भवन बाजार निवासी पंडित रोशन लाल अब तक लगभग साढ़े 300 लावारिस शवों की अस्थियों का विसर्जन विधि-विधान से करवा चुके हैं। यह सब वह अपने खर्च कर रहे हैं। पंडित रोशनलाल अपने साथियों के साथ इस पुण्यकर्म में पिछले कऱीब 4 दशक से लगे हुए हैं।
बतौर रोशनलाल एक घटना ने उसके जीवन का मक़सद ही बदल दिया। करीब चार दशक पहले वह बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती था, वहां पर उसी वार्ड में एक संत भी किसी रोग के चलते उपचाराधीन था। इसे दवाई मिलने में कुछ देरी हो रही थी।
तब उसने नर्सिंग स्टाफ़ को कहा कि आप इसका इलाज पहले करो, मेरा तो जो होगा देखा जाएगा। रोशन के अनुसार इस दिन के बाद उसके जीने का उद्देश्य ही बदल गया। पहले वह अपने भाई के साथ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार व इनकी अस्थियों की अस्थियों का हरिद्वार में विसर्जन करता था। वह महीने में एक बार हरिद्वार लावारिस लोगों की अस्थियां लेकर जाता है। वहां पर पूरे विधि-विधान से विसर्जन करवा इनकी शांति के लिए माँ गंगा से प्रार्थना करता है।
रोशनलाल का कहना है कि अब जैसे ही महामारी खत्म होगी वह कोरोना से मारे गए अज्ञात लोगों की अस्थियां लेकर गति कराने हरिद्वार जाएगा। उसका कहना है कि ऐसा करने से मन को अलग ही शांति मिलती है।