वित्तीय वर्ष के आखिर में बजट खर्चेने पर लगी पाबंदी
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 नवंबर
हरियाणा के सरकारी विभागों को अब बजट का पैसा तय समय सीमा में ही खर्च करना होगा। वित्तीय वर्ष के आखिर यानी जनवरी से मार्च में होने वाले अनाप-शनाप खर्चों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने इस संदर्भ में सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों को लिखित में हिदायतें जारी कर दी हैं।
वित्त विभाग के अनुसार, अब सभी विभागों को कुल आवंटित बजट में से पहली तिमाही में 25 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 20 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 25 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 30 प्रतिशत राशि तक खर्च करने की ही अनुमति होगी। तिमाही में मिलने वाले बजट को अगर खर्च नहीं किया गया तो वह लैप्स हो जाएगा। यहां बात दें कि हरियाणा के प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) भी अपनी रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष के आखिरी महीनों में पैसों के खर्च पर आपत्ति जता चुके हैं।
इस रिपोर्ट पर एक्शन लेते हुए वित्त विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी तिमाही में निर्धारित बजट को अवश्य इस्तेमाल करें, अन्यथा बची हुई राशि को अन्य तिमाही में समायोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विभागों की खरीद संबंधी क्रय समितियों और निविदा समितियों की बैठकों में अब वित्त विभाग के अधिकारी शामिल नहीं होंगे।
वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के लिए खरीद समझौतों पर प्रशासनिक सचिवों को अपने स्तर पर ही निर्णय लेना होगा। मुख्यमंत्री या वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में ही वित्त विभाग के अफसर शामिल होंगे। इसके अलावा वित्त विभाग के अधिकारी केवल क्रय समितियों और निविदा समितियों की ऐसी बैठकों में भाग लेंगे जिनका गठन वित्त विभाग की सहमति से समिति में उनके प्रतिनिधि को शामिल करने के लिए किया गया है।