रामकुमार/ निस
बाबैन, 14 अप्रैल
लाडवा के बाबैन, रामसरन माजरा और हरिपुरा गांव में कृषि भूमि पर अवैध काॅलोनियां कट रही हैं। लाडवा एसडीएम ने इस एरिया के खसरा नंबर की रजिस्टि्रयाें पर पाबंदी लगाई हुई है। इसके बावजूद मंगलवार को बाबैन उप-तहसील में पांच प्लॉटों की रजिस्ट्री का मामला सामने आया। यह घटनाक्रम पूरे हलके की सुर्खियां बना हुआ है। मामला चंडीगढ़ तक भी पहुंच गया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि वे कुरुक्षेत्र के डीसी से रिपोर्ट लेंगे।
दरअसल, प्रदेश में अवैध काॅलोनियों की रजिस्ट्री पर पाबंदी लगी हुई है। अर्बन एरिया डेवलपमेंट एक्ट के नियम-7ए के तहत छोटे प्लाॅटों की रजिस्ट्री के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) लेना अनिवार्य है। अवैध काॅलोनियों को रोकने के लिए ही सरकार ने यह नियम लागू किया है। इससे पहले कोरोना काल के दौरान प्रदेशभर में नियम-7ए का उल्लंघन कर 75 हजार से अधिक रजिस्टि्रयां हो चुकी हैं।
दैनिक ट्रिब्यून ने लाडवा के घटनाक्रम पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से बात की तो उन्होंने कहा, मेरे नोटिस में ऐसा कोई मामला नहीं है। अभी तक इस तरह की कोई शिकायत भी नहीं है। अगर पाबंदी वाली जगह पर रजिस्ट्री हुई है तो उसकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुरुक्षेत्र डीसी से रिपोर्ट लेंगे। सूचना सही मिलती है तो दोषियों के खिलाफ एक्शन भी होगा।
इस मामले में बात करने पर एसडीएम लाडवा विनेश कुमार ने कहा कि उन्होंने अवैध कॉलोनियों की जानकारी मांगी थी, ताकि डीटीपी की एनओसी लेकर रजिस्ट्रियां हों, लेकिन स्पेशल गांव व स्पेशल खसरा नंबराें पर कोई बैन नहीं लगाया है। अगर बैन के सरकारी आदेशों के बाद कोई रजिस्ट्री हुई है, तो उसकी गहनता से जांच की जाएगी। उन्होंने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा मैं कोई भी गलत काम सहन नही करूंगा।
पिछले महीने जारी हुई थी चिट्ठी : पिछले महीने एसडीएम लाडवा विनेश कुमार ने बाबैन क्षेत्र की कई अवैध कॉलोनियों का औचक निरीक्षण किया था। नायब तहसीलदार बाबैन के अनुसार, एसडीएम ने संबंधित पटवारियों को लिखित आदेश जारी कर यह पूछने का निर्देश दिया था कि बाबैन, रामसरन माजरा और हरिपुरा में किन खसरा नंबराें पर अवैध कॉलोनियां कटी हुई हैं। दो संबंधित पटवारियों ने रिपोर्ट दी, जिस पर तहसीलदार ने लिखित आदेश जारी कर बाबैन, रामसरन माजरा व हरिपुरा के इन खसरा नंबरों की रजिस्ट्री पर पाबंदी लगा दी थी।