हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 4 अगस्त
टोक्यो ओलिंपिक में बुधवार को सोनीपत के गांव नाहरी के धाकड़ छोरे रवि दहिया ने सेमीफाइनल में बुरी तरह से पिछड़ने के बाद कजाकिस्तान के पहलवान को चित कर जोरदार वापसी की और परिणाम अपने पक्ष में कर लिया। हार से बौखला कर कजाकिस्तान के पहलवान ने रवि की बाजू को बुरी तरह से दांतों से काट लिया। रवि की इस जीत से उनके गांव नाहरी में जबरदस्त खुशी का माहौल है। गोल्ड मेडल से सिर्फ एक कदम की दूरी पर खड़े रवि दहिया की फाइनल में जीत की दुआएं अभी से शुरू हो गई हैं।
रवि दहिया ने अपने आज के मुकाबले से पहले मंगलवार को छत्रसाल स्टेडियम, दिल्ली में अभ्यास कर रहे अपने छोटे भाई पहलवान पंकज और चचेरे भाई पहलवान संजू से वीडियो कॉल पर बातचीत की। इस दौरान रवि ने भाइयों से कहा कि ऐसा खेल दिखाऊंगा कि दुनिया देखती रह जाएगी। रवि ने भाइयों से जो वादा किया उसे पूरा कर दिखाया।
रवि ने अपने सभी तीनों मुकाबलों में प्रतिद्वंद्वियों पर शानदार जीत दर्ज की। फाइनल में कजाकिस्तान के पहलवान से लगभग हार के कगार पर पहुंचकर उनकी शानदार वापसी भारतीय कुश्ती इतिहास के पन्नों में दर्ज होगी।
छत्रसाल स्टेडियम और नाहरी में मनाया जश्न : रवि दहिया के फाइनल में पहुंचने पर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती देख रहे पंकज और संजू ने साथी पहलवानों के साथ जश्न मनाया। पंकज दहिया ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि रवि सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंचेगा। वहीं उनकी जीत पर गांव नाहरी में चौपाल में टीवी पर कुश्ती देख रहे रवि के पिता और अन्य ग्रामीणों में जोश भर गया। रवि के पिता राकेश दहिया ने भरोसा जताया कि उनका बेटा देश के लिए गोल्ड जीतेगा।
क्वालीफाइंग मैच से ही चला विजय अभियान
बुधवार सुबह टोक्यो ओलंपिक में पहलवान रवि दहिया (57 किलोग्राम) ने क्वालीफाइंग मैच से ही विजय अभियान की शुरुआत की। रवि ने कोलंबिया के पहलवान को एकतरफा मुकाबले में 13-2 से हराकर अगले दौर में प्रवेश पाया। थोड़ी देर बार क्वार्टरफाइनल में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए बुल्गारिया के पहलवान को 14-2 के अंतर से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
सेमीफाइनल में की जबरदस्त वापसी
पहले 2 मुकाबलों में जीत दर्ज कर रवि दहिया सेमीफाइनल में पहुंचे। शाम को उनका मुकाबला कजाकिस्तान के पहलवान नूरीसलाम से हुआ। कजाकिस्तान के पहलवान मुकाबले की शुरूआत में ही रवि दहिया पर हावी हो गए और उन्होंने भारी लीड बना ली। मुकाबले के अंतिम 1.06 मिनट में रवि उनसे 9-5 से पिछड़ रहे थे। बाद में उन्होंने जोरदार खेल दिखाकर कजाकिस्तान के पहलवान को चित कर दिया। हार से बौखलाये कजाकिस्तान के पहलवान ने रवि दहिया की बाजू पर बुरी तरह से दांतों से काट लिया। इस बारे में भारतीय टीम प्रबंधन ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
आर्थिक तंगी से जूझते बनाया पहलवान
रवि के पिता राकेश दहिया गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। मगर कम जमीन होने के कारण हमेशा आर्थिक तंगी से जूझते रहे। राकेश दहिया ने बेटे को घर का दूध-घी खिलाने के लिए उधार लेकर गाय-भैंस खरीदी। आलम यह था कि उनके पिता करीब 8 साल से रोजाना करीब 40 किलोमीटर दूर जाकर अखाड़े में रवि को दूध-मक्खन पहुंचाया करते। उनके पिता के जज्बे ने रवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा दिया। अब रवि देश का नाम रोशन कर रहा है।
ओलंपिक के बाद बजेगा ‘बैंड-बाजा’
पहलवान रवि दहिया के पिता उनके लिए लड़की देख रहे थे मगर रवि ने ओलंपिक से पहले किसी भी हालत में शादी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पदक जीतकर लौटने के बाद शादी पर विचार करें, उससे पहले सोचें भी ना। उसके पिता राकेश दहिया ने बताया कि ओलंपिक में पदक जीतने के बाद उसकी शादी करेंगे।