दिल्ली से अंबाला तक रेलवे ट्रैक होगा फोर लेन, सर्वे को मिली मंजूरी
दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 6 दिसंबर
केंद्र की मोदी सरकार ने नई दिल्ली से अंबाला तक के रेलवे ट्रैक को फोर लेन बनाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद रेल मंत्रालय द्वारा 198 किमी लम्बाई वाले इस ट्रैक पर तीसरी और चौथी लाइन का सर्वेक्षण करवाने की मंजूरी दी जा चुकी है। सर्वे पूरा होने के बाद इसका बजट पास होगा और फिर इस परियोजना पर काम शुरू होगा। इस रूट पर रेलवे ट्रैफिक काफी बढ़ गया है। इसी के ध्यान में रखते हुए मौजूदा डबल ट्रैक को फोर लेन करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, हरियाणा में केंद्रीय रेल मंत्रालय की ओर से 14 रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। 15 हजार 875 करोड़ रुपये से अधिक इन परियोजनाओं के लिए मंजूर किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, रेल मंत्रालय द्वारा मार्च-2024 तक 710 करोड़ रुपये खर्च भी किए जा चुके हैं। 1195 लम्बाई वाली कुल 14 रेल परियोजाओं में पांच नई रेलवे लाइन शामिल हैं। इसी तरह से 9 रेलवे लाइनों को डबल करने की योजना है। अहम बात यह है कि हरियाणा को रेलवे मंत्रालय के तीन जोन कवर करते हैं। उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे था उत्तर पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत हरियाणा के विभिन्न ट्रैक आते हैं। सोनीपत से कांग्रेस सांसद सतपाल ब्रह्मचारी द्वारा लोकसभा में रेल परियोजनाओं को लेकर सवाल उठाया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से संसद में हरियाणा व झारखंड के साथ-साथ देशभर की रेल परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पूर्व की यूपीए व मौजूदा एनडीए सरकार की उपब्धियों का भी जिक्र अपने जवाब में किया है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2021-22 से चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अवधि में रेल मंत्रालय की ओर से देशभर में 1 लाख 44 हजार 39 करोड़ रुपये लागत की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें नई रेलवे लाइन, रेल ट्रैक के विस्तार और गेज बदलाव भी शामिल हैं। कुल 7 हजार 697 किमी लम्बाई वाली इन परियोजनाओं में कई ऐसे प्रोजेक्ट भी हैं, जिनसे आर्थिक महत्ता वाले शहरों के साथ बेहतर रेल कनेक्टविटी होगी। धार्मिक स्थलों तक रेलवे सुविधाओं को बढ़ाने का ऐलान मोदी सरकार पूर्व में ही कर चुकी है।
यूपीए के मुकाबले 16 गुणा खर्चा : केंद्रीय रेल मंत्री के जवाब को सही मानें तो यूपीए सरकार के मुकाबले मौजूदा एनडीए सरकार रेल परियोजनाओं पर 16 गुणा अधिक पैसा खर्च कर रही है। 2009 से 2014 तक की अवधि में हर साल रेल परियोजनाओं पर 457 करोड़ रुपये खर्च हुए। वहीं मौजूदा सरकार ने 2024-2025 में 7 हजार 302 करोड़ रुपये सालाना खर्च किए। यह लगभग 16 गुणा अधिक है। यूपीए सरकार के समय 2009-2014 के दौरान कुल 287 किमी नई रेल लाइन बनाई गई। यानी हर साल 57 किमी से अधिक नई रेल परियोजनाओं को शुरू किया गया। वहीं एनडीए सरकार ने हर साल दो गुणा से अधिक यानी 121 किमी से अधिक नई रेल परियोजनाओं को सिरे चढ़ाया।
चंडीगढ़ में बन रहा ‘अमृत’ स्टेशन : केंद्र सरकार की ‘अमृत भारत स्टेशन’ योजना के तहत चंडीगढ़ व पंचकूला के ज्वाइंट स्टेशन को भी चिह्नित किया गया है। 436 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी के सवाल पर केंद्रीय रेल मंत्री ने संसद में बताया कि चंडीगढ़ और पंचकूला साइड पर स्टेशन बिल्डिंग का काम पूरा किया जा चुका है। एयर कॉनकोर्स, फुट ओवरब्रिज, पार्किंग काम काम चल रहा है। साथ ही, स्टेशन बिल्डिंग की फिनिशिंग का काम भी शुरू हो चुका है। 11 जनवरी, 2023 से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का काम बिना किसी रुकावट के चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही सिरे चढ़ा दिया जाएगा।